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बीकानेर,नया सीखना, पर पीड़ा को समझना और नए विचारों के लिए खुद को सदा खुला रखना ही डॉक्टर के लिए सफलता का मार्ग है. ये विचार प्रख्यात मैनेजमेंट ट्रेनर डॉ. गौरव बिस्सा ने सरदार पटेल मेडिकल कॉलेज में नव प्रवेशित विद्यार्थियों को “नवप्रेरणा 2023” कार्यक्रम में बतौर मुख्य वक्ता व्यक्त किये. डॉ. गौरव बिस्सा ने रोचक प्रयोग से समझाया कि यदि विद्यार्थी घर के कूड़े को अच्छे से साफ़ करते हैं तो जो गंदगी व कूड़ा विद्यार्थियों के जानकार या मोबाइल उनके दिमाग मस्तिष्क में डालते हैं तो वे उसका विरोध क्यों नहीं करते? बिस्सा ने कहा कि यदि दिमाग में गार्बेज यानि कचरा डालेंगे तो जुबान से गन्दगी ही बाहर आयेगी अतः इससे बचना चाहिए. पद्मश्री विजेता नायकों की केस स्टडीज़, परमवीर चक्र विजेता नायकों के जीवन चरित्र और मैनेजमेंट के रोचक गेम्स से डॉ. बिस्सा ने ये स्थापित किया कि असंभव कुछ नहीं होता और कर्महीन व्यक्ति को ही डर लगता है. डिजिटल प्रदूषण की समस्या को साझा करते हुए डॉ. बिस्सा ने कहा कि एटिकेट्स अर्थात शिष्टाचार के साथ नेटिकेट्स अर्थात इन्टरनेट का शिष्टाचार भी बरकरार रखना चाहिए. उन्होंने मोबाइल के कैरेक्टर सर्टिफाइड होने पर बल दिया. असंभव में छिपे संभव को भारतीय दर्शन के साथ प्रमाणित करते हुए डॉ. बिस्सा ने कहा कि ईश्वर ने सभी को समान शक्तियां और योग्यता देकर भेजा है और इन्हीं योग्यताओं को व्यवहार में प्रकट करना ही जीवन का लक्ष्य होना चाहिए. डॉ. बिस्सा ने स्ट्रेस मैनेजमेंट, माता पिता के सम्मान और राष्ट्र प्रथम के सिद्धांत को एक्सपेरीमेंट द्वारा समझाया.

इस अवसर पर मेडिकल कॉलेज प्राचार्य डॉ. गुंजन सोनी ने विद्यार्थियों को अनुशासन की उपयोगिता, उत्तम ड्रेस कोड के प्रभाव और एक डॉक्टर होने के महत्त्व को समझाया. डॉ. सोनी ने कहा कि मेडिकल शिक्षा में प्रवेश पाने का दूसरा अर्थ है सेवा. उन्होंने सेवा भाव को सर्वोपरि बताते हुए नव प्रवेशित विद्यार्थियों को कॉलेज के पुराने गौरव और ख्याति से परिचय करवाया. डॉ, गुंजन सोनी ने विद्यार्थियों को मेडिकल क्षेत्र की विविध विधाओं से, विषयों से और उन विषयों को पढने की स्टाइल से परिचित करवाया तथा इस बात पर बल दिया कि समय को मैनेज किये बिना कोई काम संभव न हो सकेगा. इस अवसर पर डॉ. अनिता वर्मा, डॉ. अजय श्रीवास्तव, डॉ. शकील, डॉ. बरार, डॉ.गरीमा खत्री, डॉ. गौरव शर्मा, विनय थानवी, रवि अग्रवाल आदि भी उपस्थित रहे.

*विद्यार्थियों में भरा जोश, दिए सार्थक टिप्स*
डॉ. बिस्सा ने अपने रोचक व्याख्यान और प्रयोगों से विद्यार्थियों में जोश
भरा और कुछेक उपयोगी बातें बताईंः
1 दिया नहीं तो क्या जिया
2 कर्म अनुपस्थित तो डर हाज़िर
3 मन तृप्त है तो बूँद भी बरसात है
4 मृत्यु के बाद का नाम ही हमारा ब्रैंड
5 नया न सीखना यानी पशुता की तरफ अग्रसर होना

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