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बीकानेर,विभिन्न गैर-शैक्षणिक और लिपिकीय कार्यों के साथ-साथ राज्य के स्कूलों में शिक्षकों को स्कूल के दरवाजे खोलने और बंद करने, घंटी बजाने, कक्षाओं में झाडू लगाने, पानी की टंकी को साफ करने, कॉम्बो पैक और तेल, पाठ्य पुस्तकें वितरित करने और फोटोकॉपी प्राप्त करने की आवश्यकता होती है।पूर्ण। जाने की तरह चतुर्थ श्रेणी कर्मियों का भी काम करना होता है। प्रदेश में लगभग 64 हजार 963 विद्यालय हैं, जिनमें चतुर्थ श्रेणी कर्मियों के 24804 पद स्वीकृत हैं,

जबकि कार्यरत मात्र 5741 हैं। यानी 19 हजार 163 पद खाली पड़े हैं। जबकि जमादारों के स्वीकृत 421 पदों पर मात्र 110 कार्यरत हैं। इनमें से अधिकांश कर्मी डीईओ, सीबीईओ सीडीईओ कार्यालयों में नियुक्त हैं, जिससे शिक्षकों को चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी का काम संभालना पड़ रहा है। संगठन ने मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर राज्य के प्रत्येक विद्यालय में मनरेगा में कार्यरत श्रमिकों में से कम से कम एक चतुर्थ श्रेणी एवं सहायक कर्मियों को नियमित नियुक्ति न होने तक अस्थायी समाधान की मांग की है.

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