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बीकानेर, जिले के 500 से अधिक आंगनबाड़ी केन्द्रों को मॉडल केन्द्रों के रूप में विकसित किया जाएगा। अब तक 35 केन्द्रों का कायाकल्प कर दिया गया है।
जिला कलक्टर भगवती प्रसाद कलाल ने मंगलवार को महिला एवं बाल विकास विभाग की समीक्षा बैठक में यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि प्रथम चरण में जिले के 18 आंगनबाड़ी केन्द्रों को मॉडल केन्द्र के रूप में विकसित किया गया। इनमें केन्द्रों की मरम्मत, ज्ञानवर्धक वॉल पेंटिंग, टॉय बैंक, बुक स्टॉल, न्यूट्री गार्डन, फर्नीचर, आदि उपलब्ध करवाए गए हैं। अब दूसरे चरण में जिले के पांच सौ से अधिक केन्द्रों को ‘मॉडल’ के तौर पर विकसित किया जाएगा। उन्होंने इन केन्द्रों के विकास में सहयोग देने वाले भामाशाहों की सराहना की तथा कहा कि अन्य भामाशाहों को भी इसके लिए प्रेरित किया जाए।
जिला कलक्टर ने कहा कि जिले के प्रत्येक आंगनबाड़ी केन्द्र की दस-दस महिला लाभार्थियों के घरों में पहले चरण में न्यूट्री गार्डन स्थापित किए जाएंगे। इसकी तैयारी करने के लिए उन्होंने निर्देशित किया। उन्होंने बताया कि सजग आंगनबाड़ी अभियान के तहत अब तक 1285 केन्द्रों का निरीक्षण करते हुए इनकी प्रमुख आवश्यकताओं का चिन्हीकरण कर लिया गया है। महिला पर्यवेक्षकों द्वारा 2 हजार 676 लाभार्थी महिलाओं तथा आंगनबाड़ी केन्द्रों के विकास के लिए 1 हजार से अधिक भामाशाहों से वार्ता की जा चुकी है।
जिला कलक्टर ने कहा कि आंगनबाड़ी केन्द्रों के लिए आयरन फॉलिक एसिड की टेबलेट और सीरप के उपयोग और मांग को लेकर सतर्कता रखी जाए। समय पर खपत और मांग से अवगत करवाया जाए। उन्होंने प्रत्येक आंगनबाड़ी केन्द्र पर टॉय बैंक स्थापित करने के निर्देश दिए। इस दौरान उन्होंने विभाग से संबंधित विभिन्न कार्यों की समीक्षा की तथा केन्द्रों पर सभी सेवाएं लक्षित वर्ग तक प्राथमिकता से उपलब्ध करवाने के निर्देश दिए।
इस दौरान महिला एवं बाल विकास विभाग की उपनिदेशक शारदा चौधरी सहित बाल विकास परियोजना अधिकारी और महिला पर्यवेक्षक मौजूद रही।

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