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बीकानेर,बीकानेर के मोमासर गांव में मंगलवार को संवेदना से लबालब पुलिस नजर आई। इस बार पुलिस यहां एक बहन का मायरा भरने पहुंची। सीकर पुलिस के नेछवा थाने में रसोई बनाने वाले मोनू की बहन का मायरा थाने में तैनात पुलिस के जवानों ने भरा। ये पहला अवसर नहीं था, जब पुलिस ने किसी का मायरा भरा है, लेकिन गांव वालों के मन में पुलिस की छवि को यह दृश्य और निखार गया।

श्रीडूंगरगढ़ के मोमासर में रहने वाले नोरतमल नाई की पुत्री मीरा का विवाह हैं। मीरा का भाई मोनू सीकर के नेछवा थाने में स्टाफ का खाना बनाने का काम करता हैं। जब नेछवा थाने के स्टॉफ को पता चला की मोनू की बहन की शादी हैं तो पुरे स्टॉफ ने मिलकर बहन का मायरा भरने का निर्णय लिया। पुलिसकर्मी सोमवार को मोमासर पहुंचे। इस दौरान नेछवा थाने से पहुंचा 24-25 का स्टॉफ भाई के रूप में आया। रुपए और जेवरात से ज्यादा कीमती इन पुलिसकर्मियों का भाव था। जिसे देख मीरा की आंखों में भी आंसू आ गए।

एक लाख रुपए नगद

नेछवा थाने के स्टाफ ने इस काम के लिए किसी से चंदा नहीं लिया, बल्कि खुद के वेतन से कुछ हिस्सा काटा और मायरे के लिए एकत्र किया। थाना स्टाफ ने मायरे में एक लाख नगद दिए। इसके अलावा मायरे में परंपरा के मुताबिक ही साडिय़ां और कपड़े भी किए। दुल्हन, दूल्हे सब के कपड़े किए गए। इसके अलावा कुछ जेवरात भी दुल्हन के लिए तैयार किए गए। पुलिस प्रशासन के इस स्नेह से सोनू के साथ मीरा और पूरा परिवार भावुक हो गया।

थाना स्टॉफ को लगाया तिलक

मायरा भरने के बाद मीरा ने नेछवा के थानाधिकारी राकेश मीणा के प्रति आभार जताया। मायरे में आए सभी पुलिसकर्मियों के बहन के रूप में तिलक किया। इस दौरान हेड कांस्टेबल गोपाल जाखड़, सुभाष, कांस्टेबल ताराचंद, दशरथ, महेश, सुमेर, बलवंत, सुनील, विजयपाल, अशोक कुमार आदि मोमासर पहुंचे।

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