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बीकानेर,वार्ड संख्या 2 में आवारा पशुओं के साथ-साथ श्वान और सांप बिच्छू का आतंक तो रहता ही है अब तो बंदरों ने भी आतंक मचा रखा है अभी कुछ दिनों से वार्ड संख्या दो में बंदरों ने आम जनता का जीना मुश्किल कर रखा है लोग अपने घरों की खिड़कियां दरवाजे यथासंभव बंद करके रखते हैं लेकिन किसी कारणवश जब भी वे बाहर आने जाने हेतु,आवागमन करने के लिए दरवाजे खोलते हैं तो बंदर तुरंत घरों में घुस आते है यही वाक्या आए दिन वार्ड संख्या 2 में दृष्टिगोचर होता है आज प्रातः काल से ही एक बंदर ने वार्ड में आतंक मचा रखा है बार-बार वन विभाग को सूचना दी गई है कई जगह फरियाद की गई लेकिन अभी तक कोई कारगर कदम नहीं उठाए जा रहे हैं वार्ड पार्षद सुधा आचार्य ने बताया कि वन विभाग को जब बंदर पकड़वाने के लिए कहते हैं तो वह अपना पल्ला झाड़ लेता है कि “यह हमारा काम नहीं है” अधिकारियों से बात करते हैं कोई सुनता नहीं है तो जनता किसके पास में जाए अब प्रशासन को देखना है कि वह मेरे वार्ड के निवासियों को इस बंदर के आतंक से किस प्रकार मुक्त कर रखती है लेकिन ऐसा प्रतीत होता है कि जब तक कोई बड़ा हादसा नहीं होता कोई बड़ी दुर्घटना नहीं होती प्रशासन नींद में ही सोया रहता है गत वर्ष भी ऐसा ही वाकया हुआ था बार-बार आवारा पशुओं को पकड़ने की बात की थी लेकिन एक गाय ने जब मेरे वार्ड के गौरी शंकर व्यास नाम के व्यक्ति को चोटिल कर दिया तब प्रशासन हरकत में आया था लगता है इस बार भी प्रशासन प्रतीक्षा कर रहा है किसी बड़ी दुर्घटना की लेकिन फिर भी मैं चाहती हूं कि समय रहते प्रशासन इस ओर ध्यान दें और इस नटखट बंदर से मेरे वार्ड को मुक्त कराएं बंदर तो आखिर बंदर है लेकिन प्रशासन क्या है यह प्रशासन स्वयं अपना आत्मावलोकन करे क्योंकि यदि प्रशासन संवेदनशील है तो वह कार्यवाही करेगा अन्यथा प्रशासन स्वयं क्या है,स्वयं निर्णय करे

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