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बीकानेर,ऑल इंडिया रेलवमेंस फेडरेशन की स्टैंडिंग कमिटी की बैठक दिनांक 03 सितम्बर’ 2021 को वर्चुअल सिस्टम से आयोजित हुई थी. जिसमें केन्द्र सरकार द्वारा रेल संपत्तियों के मौद्रिकरण के नाम पर निजी हाथों में सौंपने की योजना पर विस्तार से चर्चा हुई. वर्तमान सरकार की इस नीति के तहत कुल लक्ष्य छ: लाख करोड़ रुपये अर्जित करने की योजना है जिसमें केवल रेलवे परिसंपत्तियों के मौद्रिकरण से 1.52 लाख करोड़ रुपये हासिल करने की प्रक्रिया के लिए 400 रेलवे स्टेशन, 90 यात्री गाड़ियों, 1400 किमी पटरियों, 15 स्टेडियम, 265 गोदाम और कई कॉलोनियों को निजी हाथों में सौंपने की तैयारी है. आजादी के पिछले सत्तर वर्षों की अपार परिश्रम से अर्जित सम्पतियों को वर्तमान सरकार पूंजीपतियों के हाथों में बेचकर जो धन अर्जित करेगी उसके खत्म हो जाने के बाद सरकार फिर क्या करेगी

यह उक्त जानकारी कॉम बृजेश ओझा कार्यवाक मंडल सचिव नॉर्थ वेस्टर्न रेलवे एम्प्लॉइज यूनियन इस गेट मिटींग में उपस्थित रेलकर्मियों के बीच मौद्रिकरण नीति की संक्षिप्त जानकारी देते हुए उन्होंने कहाँ कि सरकारी संपत्तियों को निजी हाथों में बेचने की प्रक्रिया को अप्रत्यक्ष रूप से मौद्रिकरण का नाम दिया गया है. एआईआरएफ और नॉर्थ वेस्टर्न रेलवे एम्प्लॉइज यूनियन रेलवे सम्पत्तियों के इस प्रकार लूट को कभी बर्दाश्त नहीं कर सकता. स्टैंडिंग कमिटी की बैठक में सरकार की इस मौद्रिकरण की नीति का पुरजोर विरोध करने के लिए दिनांक 8 से 9 सितम्बर’2021 को “विरोध दिवस” आयोजित करने का निर्णय लिया गया है. इसी क्रम में 8 सितबर को अवध आसाम ट्रैन पर ओर आज मंडल रेल प्रबंधक कार्यालय के मैन गेट पर प्रदर्शन किया
रेलकर्मियों के बीच इन तथ्यों की जानकारी देते हुए “रेल बचाओ देश बचाओ “अभियान चलाया जा रहा है. युवा रेलकर्मियों के ऊपर रेलवे सम्पत्तियों को बिकने से बचाने की बड़ी गंभीर जिम्मेदारी है . कॉम मोहम्मद सलीम क़ुरैशी सहायक मंडल सचिव ने कहा कि देश की निम्न वर्ग के जनता का सबसे सुलभ आवागमन का साधन को बेच कर आम जनता के साथ कोठारघत कर रही है। ये रेल का निजीकरण देश के लिए हानिकारक है।
कॉम गणेश वासिष्ठ शाखा सचिव लालग़ढ़ ने कहा कि युवा वर्ग के कुशल, ओर शिक्षित युवाओं को अपनी कुशलता अनुसार परिश्रम नही मिलेगा । सिर्फ कुछ नामची घरानों के अधीन गुलामी की नोकारी हो जायेगी।

कॉम दिनेश सिंह शाखा सचिव लालग़ढ़ ने कहाँ सभी रेल कर्मचारियों मे इस रेल निजीकरण को लेकर भारी रोष है देश के सभी रेल कर्मचारी संगठित होकर इस पर आर पार की लड़ाई के लिए तैयार है। देश के प्रधानमंत्री जी अपने उद्धबोधन मे बोलते है कि रेल को निजीकरण की सरकार की कोई मंशा नही है वही दूसरी ओर केंद्र सरकार की वित्त मंत्री सार्वजनिक तौर पर ये घोषणा करती है देश के निम्न वर्ग का सबसे सुलभ साधन रेल को निजी हाथों मे देगी। ये तय है सरकार की कथनी और करनी मे बहुत अंतर है
इस प्रदर्शन मे कॉम रामहँस मीना, कॉम मुश्ताक अली, कॉम आनन्द मोहन , कॉम अमरनाथ, कॉम कैलाश ,कॉम दीनदयाल, कॉम मुकुल, कॉम नवीन ,कॉम प्रभाकर गहलोत, कॉम विजय , कॉम जगबीर, संजय, कॉम चेतराम, कॉम सुनील, कॉम , सवारनाथ, कॉम कॉम शिवांनंद, कॉम सुधांशू तिवारी, कॉम संजीव मालिक कॉम रवि, कॉम नितिन, कॉम सुखबीर, कॉम सोंनु ,कॉम संजय हर्ष नोरतन ,भरोरत्न पुरोहित, ,कॉम दयाशंकर,कॉम नीरज भटनागर, कॉम राजेश शर्मा, कॉम सिकंदर , आदि के साथ उपस्थित रहे.

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