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बीकानेर,एक बार तो ऐसा लगा था कि भाजपा को २४० सीटे मिलने के बाद मोदी जी को ज़ोरदार झटका लगा है और वह रुआंसे होकर एनडीए में शामिल हुए दलों के सामने झुके हुए से प्रतीत हो रहे हैं। पर जल्दी ही वे सँभल गये और मंत्रिमंडल बनाने और विभागों के बटवारे में उनकी मज़बूती सामने आ गई। उन्होंने वही किया जो वो चाहते थे। अपनी पिछली टीम को वापिस बनाकर यह जता दिया कि चलेगी तो मोदी की मर्ज़ी। वे न रुकेंगे न झुकेंगे। वे देश के सभी वर्गों का हित सोचेंगे न की अपनी सरकार बचाने में उलझे रहेंगे। उन्होंने जनता की नाराजगी की नब्ज़ पहचानने की कोशिश की और शपथ लेते ही जुट गये जन सेवा कार्यों में। उन्होंने मिट्टी से जुड़कर धरती से जुड़े हुए लोगो के विचारों, अभावों, अभियोग, दुखदर्द और उनके उल्लास और उमंग में हिस्सेदारी निभाने का मानो प्रण ही कर लिया हो। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के संघ चालक मोहन भागवत की बात भी प्रेरणा भी उन्हें अच्छी लगी कि काम करे , अहंकार नहीं। कुल मिलाकर देश की प्रगति के लिए बनी ७१ मन्त्रियो की टीम की पहली प्राथमिकता यही रहेगी कि देश के कामो को गति मिले। बेरोज़गारी और महंगाई का कैसे सामना किया जाये। हालाँकि सरकार की स्थिरता प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के लिए बड़ी चुनौती और कसौटी है। हर चाल मोदी जी को सधी हुई चलनीं है। ऐसी पूरी उम्मीद हैं। देश को इन्तज़ार रहेगा कि अपने तीसरे कार्यकाल में मोदी सरकार क्या बड़े फ़ैसले लेती है ? यह तो भविष्य ही बताएगा। फ़िलहाल मोदी जी के उमंग और उत्साह को देखते हुए बीकानेर के लोगो में भी प्रकाश की किरण नज़र आई है। उनके द्वारा बीकानेर के सांसद अर्जुन मेघवाल को क़ानून मन्त्री बनाने से लगा है कि बीकानेर की और मोदी जी का पूरा ध्यान है। अब लगने लगा हैं कि बीकानेर में भी विकास के पंख लगेंगे। फिर यहाँ के विधायक जेठानन्द व्यास भी जनता से जुड़े हुए है। उनकी सक्रियता स्व. मुरलीधर व्यास की याद दिलाती हैं। जो जनता के दुखदर्द में हमेशा अगरणीय रहते थे। व्यास जी भी उनकी तरह जनता की समस्याओं के समाधान में प्रयन्तशील हैं। लेकिन हमारी पूर्व क्षेत्र की विधायिका तपती धूप और गर्मी में महलों से बाहर नहीं निकलती। जनता पीने के पानी के लिए त्राहि त्रहाईं कर रही है। सड़के जगह जगह टूटी पड़ी है। सड़को पर गटर का पानी बह रहा है। रिहायशी कालोनियों में घरों में दुकाने, मॉल, विशाल इमारतें, बन रही हैं आस-पास के लोगो से सूरज की रोशनी, चंद्रमा की चाँदनी छीनी जा रही है हवाओ को रोका जा रहा हैं उनकी निजता भंग हो रही है। अनाधिकृत निर्माण हो रहे है। सम्भाग के सबसे बड़े पीबीएम अस्पताल की व्यवस्था चरमराई हुई है। बरसों से एक ही सीट पर डाक्टर जमे हुए है। सबसे बढ़कर नगर की सबसे बड़ी समस्या दिन में बार बार बन्द होते रेल फाटक है। जिससे यहाँ का जनजीवन थम सा गया है। अब एक बार फिर उम्मीद की किरण नज़र आई है। कि इस बार ज़रूर अर्जुन मेघवाल जी सारी समस्याओं से निजात दिलाते हुए बीकानेर को प्रदेश के सर्वक्षेष्ट नगरो की क् श्रेणी में ले आयेगे।

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