Trending Now




बीकानेर,नई वैश्विक अवसंरचना में राजनीतिक और कूटनीतिक द्वंद, अमरीका में नए राष्ट्रपति, अफगानिस्तान और चीन के कारण बने नए हालातों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस दशक में राष्ट्रीय राजनीति के सिरमौर रहेंगे । बदलते हालातों में अंतरराष्ट्रीय कंपनियों के पांच सीईओ के साथ अमेरिका में उनकी बातचीत से देश में आईटी एवं अन्य क्षेत्रों में नए युग के सूत्रपात के संकेत दिए है। इससे मोदी का देश की राजनीति में कद ही नहीं बढ़ेगा बल्कि नए विनिवेश से भारत में विकास के नए अवसर भी सृजित होंगे। जापान,, आस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री और अमेरिकी उपराष्ट्रपति कमला हैरिस से मुलाकात के मायने भारतीय राजनीति में उनको बड़ा बनाएगी। अमरीकी राष्ट्रपति जो बाइडन के साथ मोदी की मुलाकत केवल भारत – अमेरिका के बीच सुदृढ़ सम्बन्धों को ही नहीं दर्शाता, बल्कि विश्व राजनीति में भारत के बढ़ते प्रभाव का द्योतक भी है।। मोदी की क्वाड, संयुक्त राष्ट्र महासभा में शिरकत विश्व पटल पर भारत का नया आभा मण्डल है। इसे भारतीय जनता अब इस पूरे दशक में महसूस करती रहेगी। अंतरराष्ट्रीय राजनीति में मोदी के बढ़ते प्रभाव से राष्ट्रीय राजनीति में मोदी का एकछत्र प्रभाव के रूप में देखने को मिलेगा। अमेरिका में प्रवासी भारतीयों में मोदी के प्रति सम्मान उनकी राष्ट्रीय राजनीति में इस दशक में मजबूत पकड़ के संकेत है। पूरा विपक्ष मिलकर भी मोदी के प्रभाव को इस दशक में घटा नहीं पाएगा। चीन की साम्राज्यवादी नीति, अफगानिस्तान के हालात,कोरोना महामारी से बने हालात ने विश्व को झकझोर दिया है।इन हालातों में मोदी ने भारत की प्रभावी भूमिका को अंतरराष्ट्रीय मंच पर साबित कर दिखाया है। इसलिए मोदी भारतीय राजनीति में सिरमोर रहेंगे। मोदी की अंतरराष्ट्रीय राजनीति में भूमिका से राष्ट्रीय राजनीति लम्बे समय तक एकतरफा रह सकती है।

Author