












बीकानेर,श्रीडूंगरगढ़ में ‘हर घर जल’ का सपना साकार 108 गांवों, ढाणियों तथा शहरी क्षेत्र के लिए 663 करोड़ की ऐतिहासिक पेयजल परियोजना धरातल पर वर्क ऑर्डर जारी, अब हर घर पहुंचेगा नहर का मीठा पानी
श्रीडूंगरगढ़ में ‘हर घर जल’ का सपना साकार होने की ओर — विधायक ताराचंद सारस्वत के प्रयास रंग लाए |
श्री डूंगरगढ़ के लिए 663 करोड़ रुपए की लागत से 108 गांवों और शहरी क्षेत्र तक नहर से पानी पहुंचाने वाली ऐतिहासिक परियोजना धरातल पर ,इस परियोजना का वर्कऑर्डर जारी हो गया है।
श्रीडूंगरगढ़ शहर एवं ग्रामीण क्षेत्र को नहरी मीठे पानी से लाभान्वित करने के लिए बहुप्रतीक्षित पेयजल योजना के कार्यादेश राज्य सरकार द्वारा आज जारी कर दिए गए हैं। इस महत्वपूर्ण योजना से क्षेत्र में लंबे समय से चली आ रही पेयजल समस्या का स्थायी समाधान सुनिश्चित होगा।
यह योजना 2024 में समाप्त हो गई थी लेकिन राजस्थान की विधानसभा में श्रीडूंगरगढ़ के विधायक ताराचन्द सारस्वत ने अपने क्षेत्र के पीने के पानी के मुद्दे की गम्भीरता से उठाया | जिस पर राजस्थान के यशस्वी मुख्यमन्त्री भजनलाल शर्मा ने केन्द्र के जल मंत्री व देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से विशेष आग्रह करने पर इस योजना को 2029 तक बढा दिया इसके लिए माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी व राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा का कोटि-कोटि आभार व्यक्त करते है |
योजना का कार्य दो पैकेजों में किया जाएगा:
प्रथम पैकेज
• 1916 एमएल का रॉ वाटर डैम निर्माण
• 1865 केएलएच क्षमता का फ़िल्टर प्लांट
• कंवर सेन लिफ्ट कैनाल से 40 क्यूसेक पानी प्राप्त करने की सुविधा
• प्रथम पैकेज की स्वीकृत राशि: ₹285 करोड़
द्वितीय पैकेज
• 44 उच्च जलाशयों, 15 स्वच्छ जलाशयों का निर्माण
• 14 पंपिंग स्टेशनों की स्थापना
• नहरबंदी के समय 30 दिन का पानी सुरक्षित रखने हेतु पर्याप्त स्टोरेज क्षमता
• द्वितीय पैकेज की स्वीकृत राशि: ₹372 करोड़
योजना के पूर्ण क्रियान्वयन के बाद श्री डूंगरगढ़ शहर एवं ग्रामीण क्षेत्र को नहरबंदी के दौरान भी निर्बाध पेयजल उपलब्ध रहेगा। संपूर्ण कार्य 20 महीनों में पूरा किया जाएगा।
श्रीडूंगरगढ़ क्षेत्र में लंबे समय से चली आ रही पेयजल समस्या के समाधान की दिशा में ऐतिहासिक कदम उठाते हुए विधायक ताराचंद सारस्वत ने वह कार्य कर दिखाया है जिसकी प्रतीक्षा क्षेत्र की जनता दशकों से कर रही थी। क्षेत्र के 108 गांवों सहित शहरी श्रीडूंगरगढ़ कस्बे में अब नहर का शुद्ध पेयजल घर-घर नलों के माध्यम से पहुँचाने का मार्ग प्रशस्त हो चुका है। यह परियोजना न केवल विकास का मील का पत्थर साबित होगी, बल्कि आने वाली पीढ़ियों तक याद रखी जाएगी।
वर्षों से गंभीर समस्या भूजल 2000 फीट तक पहुंचा, गांव खाली होने की नौबत
श्रीडूंगरगढ़ में भूजल का स्तर लगातार गिरता गया और आज इसकी गहराई लगभग 2000 फीट तक पहुँच चुकी है।
पीने योग्य पानी लगभग समाप्त होने की कगार पर है ।
आमजन ट्यूबवेलों के अत्यधिक उपयोग पर निर्भर है ।
कई गांवों में पानी की गंभीर कमी के चलते लोगों का पलायन शुरू हो चुका है।
राजनीतिक तौर पर कई नेताओं ने वादे तो किए, लेकिन धरातल पर स्थिति नहीं बदली। वर्षों से पानी के संकट से जूझती जनता समाधान की प्रतीक्षा में थी।
विधायक ताराचंद सारस्वत की संवेदनशीलता और दृढ़ संकल्प से बदली तस्वीर
विधायक ताराचंद सारस्वत ने चुनाव के दौरान जनता से वादा किया था कि हर घर तक नल के माध्यम से शुद्ध पेयजल पहुँचाया जाएगा। विधायक बनते ही उन्होंने इस दिशा में गंभीर और निरंतर प्रयास शुरू किए।
विधायक सारस्वत ने विधानसभा में कड़े शब्दों में चिंता जताई और चेताया कि यदि तुरंत समाधान नहीं हुआ तो “गांव खाली हो जाएंगे”।
स्वयं परियोजना की फाइलों का पीछा किया।
अधिकारियों से निरंतर पत्राचार,टेलीफोनिक वार्ता, दबाव बनाते हुए इस योजना को प्राथमिकता दिलाई।
पिछले पांच वर्षों में जहां पूर्व सरकार ने इस पर अपेक्षित गंभीरता नहीं दिखाई, वहीं सारस्वत ने इस जनसमस्या को अपना व्यक्तिगत संकल्प बनाकर दिन-रात प्रयास जारी रखे।
“श्रीडूंगरगढ़ के भागीरथ” के रूप में उभरते विधायक सारस्वत
बीकानेर शहर को नहर का पानी दिलाने वाले महाराजा गंगासिंह की तरह आज श्रीडूंगरगढ़ क्षेत्र में विधायक ताराचंद सारस्वत जन-सेवा में नए आयाम स्थापित कर रहे हैं। भूजल संकट से जूझ रही जनता के दर्द को समझते हुए उन्होंने जिस संवेदनशीलता और संकल्प के साथ इस परियोजना को आगे बढ़ाया, वह अभूतपूर्व है।
उनके प्रयासों का ही परिणाम है कि आज श्रीडूंगरगढ़ के 108 गांवों में नहर का पानी पहुँचाने की सबसे बड़ी पेयजल परियोजना धरातल पर उतरने के करीब है।
परियोजना में बाधाएँ भी आईं, लेकिन संकल्प नहीं टूटा
इतने बड़े पैमाने पर पेयजल परियोजना को साकार करने में कई तकनीकी, प्रशासनिक और आर्थिक अड़चनें सामने आईं जैसे फाइलों का लंबा प्रोसेस,बजट स्वीकृति,पाइपलाइन मार्ग निर्धारण,तकनीकी परीक्षण,सब कुछ समय लेने वाला था।
लेकिन विधायक सारस्वत ने हर बाधा को धैर्य और योजना के साथ पार किया। परियोजना से जुड़े प्रत्येक विभाग—जलदाय, डिस्कॉम, तकनीकी टीमों और मंत्रालय—से लगातार संपर्क बनाए रखा।
उनकी दृढ़ इच्छाशक्ति, प्रशासन पर दबाव और क्षेत्र के हित के प्रति समर्पण ने इस योजना को मंजिल तक पहुँचाया।
मुख्यमंत्री और जल मंत्री का सहयोग—परियोजना को मिली गति
विधायक सारस्वत ने प्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा तथा जल मंत्री श्री कन्हैयालाल का धन्यवाद करते हुए कहा कि उनके सकारात्मक रुख और संवेदनशीलता के चलते यह परियोजना त्वरित गति से आगे बढ़ पाई।
उन्होंने बताया कि वे लगातार मुख्यमंत्री और मंत्रियों को श्रीडूंगरगढ़ की जल समस्या से अवगत कराते रहे, जिसके परिणामस्वरूप यह योजना सरकारी स्तर पर उच्च प्राथमिकता में शामिल की गई।
108 गांवों और शहरी क्षेत्र को मिलेगा जीवनदायी जल
यह परियोजना पूर्ण होने के बाद108 गांवों और पूरे शहरी श्रीडूंगरगढ़ क्षेत्र
को नहर से पीने का शुद्ध पानी मिलेगा।
यह क्षेत्र की अब तक की सबसे बड़ी एवं ऐतिहासिक परियोजना मानी जा रही है, जो वर्षों से चली आ रही पेयजल समस्या का स्थायी समाधान प्रदान करेगी।
इतिहास में पहली बार श्रीडूंगरगढ़ को मिला इतना बड़ा जल समाधान
स्थानीय नागरिकों का कहना है कि श्रीडूंगरगढ़ के इतिहास में आज तक किसी भी जनप्रतिनिधि ने इतनी दूरदर्शी और विशाल योजना पर गंभीरता से कार्य नहीं किया। विधायक सारस्वत की “जनता का दर्द ही मेरा दर्द” वाली सोच के कारण ही यह योजना आकार ले सकी।
आने वाली पीढ़ियों तक याद रहेगा यह कार्य
यह परियोजना न केवल वर्तमान पीढ़ी के लिए राहत लेकर आएगी, बल्कि आने वाली पीढ़ियों तक इस कार्य को विकास की मिसाल के रूप में याद रखा जाएगा। यह परियोजना आने वाले वर्षों में श्रीडूंगरगढ़ के सामाजिक, आर्थिक और स्वास्थ्य स्तर को नया आयाम देगी।
