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बीकानेर, बारह गुवाड़ के चैक में श्री जबरेश्वर लोक नाट्य एवं कला संस्थान, बीकानेर के तत्वावधान में बुधवार देर रात शुरू हुई दासी महाराज की स्वांग मेहरी की रम्मत गुरुवार सुबह करीब दस बजे तक चली। कलाकारों के साथ बीकानेर पश्चिम के विधायक जेठानंद व्यास ने भी ख्याल, चौमासा व लावणी गाकर लोक संस्कृति की रम्मत परम्परा में सहभागिता निभाई।
इस अवसर पर विधायक जेठानंद व्यास ने बताया कि बीकानेर की लोक नाट्य रम्मतें बीकानेर की सांस्कृतिक धरोहर है। रम्मतों में मनोरंजन के साथ अच्छे जमाने, देश में खुशहाली, भाईचारा व विकास के साथ सामाजिक कुरीतियों व विद्रूपताओं पर कटाक्ष किया जाता है।
रम्मत में चन्द्रशेखर ओझा, विजय कुमार ओझा व शंकर लाल व्यास की ओर से रचित ख्याल ’’ अयोध्या में राम बिराजे, काशी में विश्वनाथ, अब मथुरा री है बारी, सब मिलकर करो त्यारी, सनातन धर्म री जय-जयकार’’ के साथ चैमासा ’’ अबके सावे में पिया बनी रे दुलनियां’, (रचयिता आनंद ओझा, रामसा छंगाणी, महेन्द्र ओझा व शिवदत्त ओझा, पारम्परिक लावणी ’’ मोत्यों बिच में लाल ज्यों, गौरी सख्यिां बीच खड़ी, हारे घूंघट पट देव खोल रे, बोलो हंस हंस के, सुणलों परिणहारी हाये नाजुकड़ी’’ प्रस्तुत किया गया। पूर्व में सरस्वती वंदना, श्री गणेश स्तुति व भैरव वंदना प्रस्तुत की गई। लोक नाट्य में विजय कुमार हर्ष व फलौदी के दीपक ने मेहरी के रूप में नृत्य किया। रम्मत में कन्हैयालाल कल्ला, मदन जैरी, रम्मत उस्ताद किशन कुमार बिस्सा, पुजारी बाबा सहित मोहल्ले के गणमान्य लोग मौजूद थे। रम्मत स्थल पर अनेक लोगों ने विभिन्न तरह के स्वांग रचे हुए थे। कोई जाट, कोई सिख कोई मराठा बना हुआ था। बच्चों को भी श्रीकृष्ण, विष्णु के विभिन्न स्वरूप में उनके अभिभावक बनाकर लाएं थे।

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