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बीकानेर,पूर्व मंत्री डॉ बी डी कल्ला ने अपने व्यक्तव्य में कहाँ कि बीजेपी सरकार के एक साल में डूंगर और एम एस काॅलेज को महाराजा गंगा सिंह विश्वविद्यालय बीकानेर का संघटक महाविद्यालय नहीं बनाया और मुरलीधर व गंगा शहर के महाविद्यालय का विकास नहीं हुआ, इस विषय पर उल्लेख हैं कि महाराजा गंगा सिंह विश्वविद्यालय बीकानेर की स्थापना के बाद दो बार कांग्रेस सरकार बन गई इसमेसे एक सरकार में वे वित्त आयोग के अध्यक्ष और दूसरी सरकार में केबीनेट मंत्री रहे फिर भी उन्होंने डूंगर और एम एस काॅलेज को संघटक महाविद्यालय घोषित क्यों नहीं करवाया, इनके कार्यकाल में न तो इन महाविद्यालयों को विश्वविद्यालय का संघटक महाविद्यालय बनाया गया और न ही विश्वविद्यालय का शैक्षणिक विकास करवाया गया। कांग्रेस के कार्यकाल के दौरान तो विश्वविद्यालय को यूजीसी से 12 B में मान्यता भी नहीं मिल पाई क्योंकि 12 B के लिए आवश्यक न्यूनतम पांच शैक्षणिक विश्वविद्यालय में संचालित नहीं थे तत्पश्चात वर्ष 2006 से 2008 में बीजेपी के कार्यकाल में पांच विभाग स्वीकृत हुए तथा तत्कालीन बीजेपी के सांसद श्री अर्जुन राम जी मेघवाल द्वारा लोकसभा में प्रश्न उठाने पर महाराजा गंगा सिंह विश्वविद्यालय को 12 B में स्वीकृति मिल सकी जिसके कारण ही इस विश्वविद्यालय की उपाधियां को देश विदेश में मान्यता मिल सकी। बीजेपी के कार्यकाल में खुले शैक्षणिक विभागों में वर्ष 2010-11 में कांग्रेस सरकार के दौरान शिक्षकों की भर्ती हुई, इन भर्तियों में 25 शिक्षको मेसे एक भी शिक्षक बीकानेर मूल का नहीं था अधिकांश भर्तियां अनियमित थी तथा तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की सिफारिश से भर्तियां की गई थी, क्योंकि विश्वविद्यालय के कुलपति भी जोधपुर के ही थे इन भर्तियां के लिए बीकानेर के सैकड़ों योग्य बेरोजगारों ने आवेदन किया था परन्तु तत्कालीन वित्त आयोग के अध्यक्ष डॉ बीडी कल्ला द्वारा बीकानेर मूल के बेरोजगारों को जानबूझकर साक्षात्कार में चयनित नहीं करने के विरुद्ध कोई आवाज नहीं उठाई। पिछली कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में जब कोलायत क्षेत्र में 5-6 राजकीय महाविद्यालय खुल गए तब डाॅ बी.डी.कल्ला की भर्त्सना होने पर अपने कार्यकाल के अंत में आनन फानन मे मुरलीधर व्यास कॉलोनी और गंगा शहर में लंगड़ी लूली राजकीय महाविद्यालयों की घोषणा कर दी जिसकी न तो भूमि है न ही भवन हैं न कोई बजट था और न हीं कोई पद स्वीकृत है ये महाविद्यालय कला संकाय के केवल तीन विषयों से संचालित है। इन प्राथमिक स्कूल समान महाविधालयो के विकास के लिए मैं प्रयासरत हूं और जल्द ही ये महाविद्यालय अपने स्वंय के भवन में स्थापित होंगे और ये महाविद्यालय भी डूंगर महाविद्यालय और एम एस कॉलेज के समान बहुसंकाय महाविद्यालय होंगे। वास्तव में बी डी कल्ला पश्चिम क्षेत्र में राजकीय महाविद्यालय खुलवाने के पक्ष में ही नहीं थे क्योंकि इनके परिवार के सदस्य मनमानी हजारों रुपये फीस वसूल करने वाले निजी महाविद्यालयों के ट्रस्टी थे।

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