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बीकानेर,नोखा विधायक बिहारीलाल बिश्नोई ने आज राजस्थान विधानसभा के प्रक्रिया तथा कार्य-संचालन संबंधी नियम 295 के तहत विशेष उल्लेख की सूचना में नोखा सहित बीकानेर जिले में अकाल घोषित करने की मांग की ।विधायक बिश्नोई ने बताया कि  इस बार अनावृष्टि के कारण बीकानेर जिला और विशेषकर नोखा विधानसभा क्षेत्र भयानक अकाल की चपेट में हैं और इस वजह से इस क्षेत्र में पशुओं के लिए चारे-पानी का एवं ग्रामीण जनता के लिए रोजगार का भीषण संकट उत्पन्न हो गया है ।
विधायक बिश्नोई ने कहा कि आम जनजीवन के लिए रोजगार की व पशुधन के बचाव के लिए निम्नानुसार तत्काल व्यवस्थाएं करने का श्रम करें:-
1.समूचे बीकानेर जिले में 90 से 100 प्रतिशत खराबे की स्थिति है, अतः राज्य सरकार बिना वक्त गवाएं तत्काल अकाल घोषित करें ।
2.अकाल की घोषणा के तत्काल बाद हमारे जिले के किसानों को फसल बीमा क्लेम व उचित मुआवजे के भुगतान की त्वरित गति से व्यवस्था की जाए ।
3.ग्रामीण क्षेत्र में अकाल की विकट स्थिति है और ऐसे में इस बात की पूरी संभावना है कि गांवों व ढाणियों से लोग बड़ी संख्या में पलायन करेंगे, इसलिए यह आवश्यक है कि जनता के लिए स्थानीय स्तर पर रोजगार सृजित करने की अविलंब कार्ययोजना बनाकर स्थानीय स्तर पर लोगों को काम दिया जाए।
4.मनरेगा योजना में एक परिवार के लिए निर्धारित रोजगार दिवसों में 100 दिन बढ़ाकर 200 दिनों तक काम दिया जाए तथा इस योजना में न्यूनतम मजदूरी 350/- प्रतिदिन की जाए ।
5.ग्रामीण विकास की रीढ़ माने जाने वाले पशुधन के लिए इस अकाल में चारे-पानी का गंभीरतम संकट पैदा हो गया है, इसलिए अनुदानित पशुसेवा शिविरों की आपात स्वीकृतियां जारी की जाए तथा गांव-गांव अनुदानित चारा डीपो मंजूर किए जाएं ।
6.यद्यपि प्रत्येक किसान अपने-अपने  पशुधन को बचाने की जी-तोड़ कोशिश करेगा, किंतु अकाल की भयावहता को देखते हुए पशुपालको को प्रति पशु चारा व पशुआहार पर नकद अनुदान दिए जाने की व्यवस्था की जाए ।

विधायक बिश्नोई ने कहा कि अकाल राहत कार्यों की शुरुआत शीघ्रातिशीघ्र हो व  व्यक्तिगत लाभ के कार्यों को काम के बदले अनाज योजना को प्रमुखता दी जाए, ताकि ग्रामीण क्षेत्र की अकाल-पीड़ित जनता को शहरों की ओर पलायन नहीं करना पड़े ।

 

क्षेत्र के पर्यटन स्थलों को विकसित करे सरकार:- विधायक बिश्नोई

नोखा विधायक बिहारीलाल बिश्नोई ने राजस्थान पर्यटन व्यवसाय (सुकरकरण और विनियमन ) (संशोधन) विधेयक 2021 की चर्चा में भाग लेकर प्रदेश हित में सुझाव देते हुवे कहा कि पर्यटन हमारी अर्थव्यवस्था का आधार है । हमारे प्रदेश की कला व संस्कृति को देखने देश-दुनिया के पर्यटन यहां आते है । क्यो न राजस्थान की सरकार देश के प्रत्येक प्रदेश की राजधानी में प्रदेश का ऐसा सांस्कृतिक व वाणिज्यिक केंद्र खोला जाए वहां हमारे प्रदेश के पर्यटन स्थलों की जानकारी उन प्रदेशो को भी हो । जिससे प्रदेश में पर्यटक भी आये और निवेशक भी आये । इस हेतु विधानसभा सत्र 2019-20 में यह मुद्दा भी उठाया था । राजस्थान का प्रवासी देश के प्रत्येक कोने – कोने बैठे है जो राजस्थान की अर्थव्यवस्था में अपना योगदान देते है ।
विधायक बिश्नोई ने कहा कि कोरोना काल मे जो संकट है उस समय मजदूरों का पलायन, प्रवासियो का पलायन हुआ । इस पीड़ा को हम सब ने महसूस किया और पीड़ा से रूबरू हुवे । अगर ये ‪सांस्कृतिक व प्रशासनिक केंद्र दूसरे प्रदेशों की राजधानी में होते तो मजदुरो व प्रवासियों को मदद भी मिलती । इसलिए हमारी राज्य सरकार से मांग है कि प्रत्येक प्रदेश की राजधानी में सांस्कृतिक व वाणिज्यिक केंद्र खोले जाए ।

विधायक बिश्नोई ने कहा कि प्रदेश में पर्यटक को बढ़ावा देने के लिए धार्मिक डेजर्ट पिलग्रिम सर्किट बनाया जाए जो राजधानी जयपुर के गलताजी तीर्थ से शुरू होकर सीकर के खाटू श्यामजी- चुरू के सालासर बालाजी धाम- बीकानेर के मुक्ति धाम मुकाम-सैगाल धोरा-करणी माता देशनोक- कपिल मुनि सरोवर श्री कोलायतजी एवं जैसलमेर के रामदेवरा व तनोट माता । यह जयपुर से देश की पश्चिमी सीमा तक पांच जिलो के आठ धार्मिक स्थल है इनको आपस मे सड़क से जोड़ने हेतु धार्मिक डेजर्ट पिलग्रिम सर्किट बना सकते है । तकनीकी विशेषज्ञों की राय के अनुसार मात्र 70 से 100 करोड़ रुपये ही खर्च होंगे । सरकार चाहे तो आज यह प्रस्ताव मैने केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी जी को विधानसभा प्रवास के दौरान दिया है से भी मदद ले सकती है ।
विधायक बिश्नोई ने कहा कि सरकार केवल नाथी के बाड़े के विकास की बात ना करे हमारे क्षेत्र के जूनागढ़ बीकानेर, करणी माता देशनोक व मुक्ति धाम मुकाम को भी पर्यटन स्थल के मानचित्र में शामिल करे और इन्हें विकसित करने के लिए सरकार मदद करे ।

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