नोखा। नोखा विधायक बिहारीलाल बिश्नोई ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र लिखकर हरिके बैराज से आईजीएनपी में छोड़े जा रहे अपशिष्ट जल व हानिकारक रसायन युक्त काले पानी को रोकने के लिए उचित कार्यवाही करने की मांग की । विधायक बिश्नोई ने कहा कि 70 दिन की नहरबंदी के बाद जब पेयजल की महत्ती मांग को देखते हुए हरिके बैराज से आईजीएनपी में पानी छोड़ा गया तो पानी का रंग स्याह काला था । *च्च्पानी रे पानी तेरा रंग कैसा, जिसमें मिलाये लगे उस जैसाच्च्* इस बात को सभी ने सुना है लेकिन मुख्यमंत्रीजी यह तो पंजाब में सरकार के मुखिया कैप्टन अमरिंदरसिंह जी ही जाने की हमारे पानी में उन्होने क्या मिलाया की वो काला स्याह हो गया । पूरे बीकानेर संभाग व जोधपुर संभाग के उन जिलों से इसको लेकर विरोध की आवाज उठी तो आपने स्वयं कहा कि हम दिखवा रहे है, पंजाब से बात कर रहे है और कहा कि अब काला पानी नहीं आ रहा । परन्तु हरिके बैराज से आज भी वैसा ही अपशिष्ट व दुषित जल आईजीएनपी में छोड़ा जा रहा है हाँ यह जरूर है कि वहां से राजस्थान की सीमा तक आते-आते पानी लगभग 250 किमी. चलता है तो कुछ साफ दिखाई देता है और 700 किमी. जैसलमेर तक जाते-जाते बहुत साफ दिखाई पड़ता है परन्तु हमारे बीकानेर संभाग में तो जलदाय विभाग के पास ऐसी लेबोरेट्री भी नहीं है जो पानी में मिली भारी धातुओं की जांच कर सके उसके लिए भी सैंपल जयपुर भेजना पड़ता है ।
मुख्यमंत्री जी, हरिके बैराज जहां से हमारी आईजीएनपी निकलती है उसके पीछे सतलुज नदी में लुधियाना, तरनतारन, फगवाड़ा, जालंधर शहरों का अलग-अलग तीन स्थानों से गंदा पानी मिलता है जिसमें फैक्ट्री अपशिष्ट, डाईंग फैक्ट्री क्योंकि लुधियाना भारत का मैनचेस्टर है का अपशिष्ट जल, सिवरेज का पानी, पशु डेयरियों का मलमूत्र आदि शामिल है । कुछ बरस पहले तक बुढ्ढा दरिया कहलाने वाला जो प्रदुषित जल के कारण बुढ्ढा नाला होकर रह गया है का पानी भी सतलुज में आकर गिरता है, जिससे जलीय जंतु भी मर रहे है ।मुख्यमंत्री जी, पंजाब में आपकी पार्टी की सरकार है आपके मित्र कैप्टन अमरिंदरसिंह जी मुख्यमंत्री है उनसे इस गंभीर मसले पर अतिशीघ्र वार्ता किजिए तथा लुधियाना में तीन जगह जो 50, 40 व 15 एमएलडी के सीईटीपी बनने थे उनमें से मात्र 15 एमएलडी वाला एक ही बना है बाकी दो भी शीघ्र बनावाईयें । बल्लोके, जमालपुर (लुधियाना) व भात्तियन (जालंधर) में कुल 450 एमएलडी के तीन एसटीपी बनने थे अब तक कोई प्रगति नहीं ? माननीय गहलोत साहब अब तो प्रस्तावित इन तीनों एसटीपी की 450 एमएलडी की क्षमता भी कम पड़ेगी क्योंकि अब सतलुज में गिरने वाले अपशिष्ट जल की मात्रा 750 एमएलडी से भी ज्यादा हो गई है इसलिए 800 एमएलडी क्षमता से अधिक के तीन-चार एसटीपी बनाने की जरूरत है । जल ही जीवन है, इस बात को हम रेगिस्तान के लोगों से बेहतर कौन जान सकता है । स्वच्छ पेयजल हमारा हक है । जलशक्ति मंत्री से मिलेगा जनप्रतिनिधि मंडल
विधायक बिश्नोई ने बताया कि इस मामले को लेकर दिनांक 17 जून 2021 दोपहर 3 बजे दिल्ली में केंद्रीय जल शक्ति मंत्री श्री गजेन्द्रसिंह शेखावत की अध्यक्षता में बैठक आयोजित होगी । जिसमें भाजपा प्रदेशाध्यक्ष श्री सतीश पुनिया के नेतृत्व में प्रतिनिधि मंडल उपस्थित रहेगा । इस बैठक में सेंट्रल पोलुशन कंट्रोल बोर्ड चेयरमैन, भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड चेयरमैन, जल संसाधन विभाग राजस्थान प्रमुख शासन सचिव उपस्थित रहेंगे ।