Trending Now












बीकानेर,कहां सरकार है! कहा विभाग है…और कहां है मैन पॉवर। यह आरोप है नोखा विधायक बिहारी लाल बिश्नोई का। शुक्रवार को बीकानेर में विधायक ने विद्युत निगम और राज्य सरकार को आड़े हाथों लिया। बीजेपी संभाग कार्यालय में हुए संवाददाता सम्मेलन में विधायक बिहारी बिश्नोई राज्य सरकार पर जमकर बरसे।

बिश्नोई ने कहा कि आज जब किसान को बिजली की सबसे ज्यादा जरुरत है, तब प्रदेशभर में बिजली का संकट खड़ा हो रखा है। यह सरकार की नाकामी का सबसे बड़ा उदाहरण है। विधायक ने कहा कि हालात यह है कि विद्युत निगम के अभियंता तक सरकार के रवैये से खफा है, उन्हें भी अपने हक के लिए जयपुर में विरोध प्रदर्शन करना पड़ा। तो गांवों में किसानों को बिजली के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है। गांव-गांव में इन दिनों किसान विद्युत निगम के जीएसएस के आगे प्रदर्शन कर अपना रोष प्रकट कर रहे हैं। इसके बाद भी उनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही है। यह तब है जब ऊर्जा मंत्री बीकानेर जिले के है, पूर्व में भी यह विभाग बीकानेर के ही मंत्री के पास रहा है। किसानों की यह स्थिति केवल जिले में ही नहीं, प्रदेशभर के किसान बिजली की कमी से जूझ रहे है।

विधायक ने रोष जताते कहा कि किसानों के आक्रोश की गूंज को विधानसभा तक ले गए है। लेकिन सरकार पर कोई असर नहीं है, वो तो कुंभकरणी नींद में सो रही है। विधायक बिहारी ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार ने कृषि कनेक्शन के बहाने भी 1600 करोड़ का गड़बड़झाला हुआ है।

विधानसभा में 23 हजार 309 मेघावाट विद्युत क्षमता के साथ राजस्थान को विद्युत की दृष्टि से आत्मनिर्भर करने की घोषणा करने वाली सरकार ने अब तक 6 बार विद्युत दरों में बढ़ोत्तरी की है। विधायक ने आरोप लगाया कि साढ़े चार साल तक औसतन 52 पैसे प्रति यूनिट फ्यूल सरचार्ज वसूलने वाली सरकार की ओर से 100 यूनिट प्रतिमाह फ्री बिजली करने की घोषणा भी भ्रमित करने का प्रयास है।

विधायक ने बताया कि किसानों को बिजली पर्याप्त बिजली नहीं मिल रही है, फसलें चौपट हो रही है। पार्टी किसानों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर प्रत्येक उपखंड़वार विरोध प्रदर्शन कर रही है। यह आंदोलन लगतार जारी रहेगा। इसमें जीएसएस का घेराव, अधिकारियों को जगाने का प्रयास किया जाएगा।

विधायक ने कहा कि वर्तमान में पीक ऑवर्स में प्रदेश में बदतर स्थिति हैै। बिजली की डिमांड 16500 मेगावाट तक पहुंच गई है, वहीं विद्युत उपलब्धता महज 13 से 14 हजार मेगावाट है। इसका सबसे बड़ा कारण सरकार की अकर्मण्यता है, जिससे कोटा, सूरतगढ़, छबड़ा व कालीसिंध पॉवर प्लांट की 2740 मेगावाट क्षमता वाली सात यूनिट को कोयले की कमी व तकनीकी रखरखाव के अभाव में बंद हो गई है। बिहारी ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि राज्य सरकार बिजली के बहाने महंगी बिजली खरीदकर, संस्थागत भ्रष्टाचार कर रही है। इस षडयंत्र के कारण विद्युत कटौती से प्रदेश का आम उपभोक्ता का जीवन अस्त व्यस्त हो गया है।

बिश्नोई ने राज्य सरकार पर आरोप लगाया कि सरकार की गलत नीतियों की वजह से प्रदेश के 1 करोड़ 39 लाख विद्युत उपभोक्ताओं को महंगी दरों पर बिजली देकर भ्रष्टाचार को अंजाम दिया जा रहा है। वर्ष 2021 में 13 हजार 793 करोड़ तक की महंगी बिजली विद्युत कंपनियों से खरीदी। इसका परिणाम आज सामने है। विधायक बिहारी ने सीएम गहलोत को घेरते हुए कहा कि जब कोयले का संकट है, तो इसको देखते हुए केन्द्र सरकार ने राज्यों को 6 प्रतिशत तक विदेश से कोयला खरीद करने की अनुमति दे रखी है। इसी की आड़ में प्रदेश की गहलोत सरकार फिर से महंगा कोयला खरीद रही है। पहले भी राज्य सरकार ने एक्ट की अवहेलना करते हुए अडानी समूह से करीब 1042 करोड़ का 5.79 लाख मीट्रिक टन कोयला 18 हजार रुपए प्रति मीट्रिक टन की लागत से एकल निविदा में खरीदा है। प्रेसवार्ता में देहात अध्यक्ष जालमसिंह भाटी व अन्य पदाधिकारी मौजूद रहे।

Author