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बीकानेर. नोखा में पदस्थापित सार्वजनिक निर्माण विभाग का अधिशासी अभियंता संजय चौधरी करोड़पति निकला। एसीबी ने गुरुवार को बीकानेर स्थित उसके घर की तलाशी ली, जिसमें लाखों रुपए की संपति व नकदी मिली है। एसीबी ने नकदी, जेवर व कागजात जब्त कर लिए हैं। यह तलाशी अभियान एसीबी के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक रजनीश पूनिया के नेतृत्व में गुरुवार को चला। चार घंटे चले तलाशी अभियान में पुलिस निरीक्षक आनंद कुमार, हैडकांस्टेबल राजेश बिश्नोई, कांस्टेबल ज्ञानेन्द्र सिंह, अनिल, प्रेम, सहदेव बिश्नोई, महिला कांस्टेबल हजारा पठान शामिल रही।

यह मिला सामान
एएसपी पूनिया ने बताया कि अधिशासी अभियंता संजय गुरुवार सुबह बीकानेर पहुंचा। उसके आने के बाद सुबह साढ़े दस बजे तलाशी अभियान शुरू किया गया जो दोपहर पौने दो बजे तक चला। तलाशी के दौरान घर से सात लाख ६० हजार रुपए नकद, ५५ ग्राम सोने के जेवर, ४८० ग्राम चांदी के जेवर, जेएनवीसी कॉलोनी में 2डी ९८ मकान, लक्ष्मी विहार कॉलोनी में सी-2 व सी-3 दो प्लॉट के कागजात, जयश्री झालामंड जोधपुर में मां के नाम प्लॉट के दस्तावेज मिले हैं। पूनिया ने बताया कि इसके अलावा चौधरी के पास ३०४ बोनी सनराइज अपार्टमेंट गायत्री नगर दुर्गापुरा में फ्लैट पत्नी के नाम, डिफेंसर कॉलोनी, पांच बत्ती चौराहा जोधपुर में पुश्तैनी मकान है, जिसमें मां व भाई रह रहे हैं।

आखिरकार हो गई घर की तलाशी
एसीबी अधिशासी संजय के घर की तलाशी के लिए करीब १2 दिन से इंतजार कर रही थी। उसे कई बार तलाशी कराने के लिए सूचना दी गई लेकिन वहीं नहीं आया। बुधवार को अधिशासी अभियंता को अंतिम सूचना भिजवाई गई। साथ ही एसीबी ने निर्णय कर लिया था कि गुरुवार को वह तलाशी कराने नहीं आता है तो न्यायालय से आदेश लेकर मकान की तलाशी ली जाएगी। राजस्थान पत्रिका में नोखा पीडब्ल्यूडी के अधिशासी अभियंता के मकान की नहीं हुई तलाशी संबंधी खबर प्रकाशित की गई। गुरुवार सुबह ही अधिशासी अभियंता बीकानेर पहुंच गया और एसीबी ने तलाशी अभियान शुरू कर दिया।
यह है मामला

सीबी सीकर की टीम ने बीकानेर के नोखा के सार्वजनिक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता संजय चौधरी के बीकानेर से जयपुर जाते समय दो अक्टूबर को 2 लाख 36 हजार रुपए की राशि जब्त की। कार्रवाई राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 52 पर अखेपुरा टोल बूथ पर के पास आकस्मिक जांच के दौरान की गई थी। आरोपी चौधरी ने यह राशि एक बैग में पुरानी बनियान व महिलाओं के कपड़ों में छिपाकर रख रखी थी। पूछने पर संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर एसीबी ने राशि को जब्त कर मामले की जांच शुरू कर दी।

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