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बीकानेर,निर्वाचन आयोग ने ‘रिमोट वोटिंग’ पर गुरुवार एक नोट जारी किया।इसे लागू करने में पेश होने वाली कानूनी व प्रशासनिक चुनौतियों पर पार्टियों के विचार मांगे हैं। 16 जनवरी को इसके शुरुआती मॉडल दिखाने के वास्ते सभी दलों को आमंत्रित किया है।

नई दिल्लीः निर्वाचन आयोग ने घरेलू प्रवासी मतदाताओं के लिए ‘रिमोट ईवीएम’ का एक शुरुआती मॉडल विकसित किया है, जिसके जरिये एक मतदान केंद्र से 72 निर्वाचन क्षेत्रों में ‘रिमोट वोटिंग’ की सुविधा दी जा सकेगी। मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार ने कहा, ”रिमोट वोटिंग एक परिवर्तनकारी पहल साबित होगी।”

एक बयान के अनुसार, आयोग ने ‘रिमोट वोटिंग’ पर एक अवधारणा पत्र जारी किया है और इसे लागू करने में पेश होने वाली कानूनी, प्रशासनिक प्रक्रियात्मक, तकनीकी तथा प्रौद्योगिकी संबंधी चुनौतियों पर राजनीतिक दलों के विचार मांगे हैं। निर्वाचन आयोग ने 16 जनवरी को घरेलू प्रवासी मतदाताओं के लिए ‘रिमोट ईवीएम’ का शुरुआती मॉडल दिखाने के वास्ते सभी दलों को आमंत्रित किया है।

गौरतलब है कि इसी साल जून में आयोग ने बताया था कि दूसरे राज्यों में रह रहे प्रवासी वोटर्स चुनावों में वोट नहीं डाल पाते और वोटिंग के अधिकार से वंचित रह जाते हैं, इसलिए रिमोट वोटिंग की संभावनाएं तलाशी जा रहीं हैं। रिमोट वोटिंग का मतलब है कि आप जहां, जिस राज्य में हैं वहीं पर अपना वोट डाल सकते हैं।

इस व्यस्था की मांग NRIs भी कर रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट में 2013 में प्रवासियों ने वोटिंग का अधिकार देने के लिए याचिका दायर की थी। इसमें दलील दी थी कि बस नियमों में बदलाव करके ही NRIs को वोटिंग का अधिकार दिया जा सकता है और इसके लिए कानून में संशोधन करने की जरूरत नहीं है।

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