बीकानेर, रमक झमक द्वारा दो दिवसीय ‘म्हारी गणगौर उत्सव’ समारोह आयोजित किया जाएगा। उत्सव के बेनर का आज लोकार्पण किया गया। शहर विधायक जेठानन्द व्यास,ज्योतिषाचार्य प.अशोक ओझा चौथानी,मिसेज बीकाणा श्रीमती आशा आचार्य एवं रमक झमक अध्यक्ष प्रहलाद ओझा ‘भैरुं’ ने लोकार्पण किया ।रमक झमक के अध्यक्ष प्रहलाद ओझा ‘भैरुं’ ने बताया कि रमक झमक परिसर में रविवार एवं एवं सोमवार दो दिवस ‘म्हारी गणगौर उत्सव’ आयोजित होगा। इस उत्सव में महिलाओं द्वारा गणगौर के परम्परागत गीतों की प्रस्तुति होगी जिसमें सुबह दोपहर,शाम व रात में गाए जाने वाले गणगौर गीत गाए जाएंगे तथा इसरजी की बड़ी भांग भी गायी जाएगी।
ओझा ने बताया कि इस उत्सव में गणगौर का रंग रोगन,सजावट,निर्माण,श्रृंगार
दीवार पर धींगा गवर बनाने,वातावरण निर्माण करने, सार्वजनिक आयोजन आदि में योगदान देने वाली 11 महिलाओं को ‘गणगौर सस्कृति सम्मान’ पत्र भेंट कर सम्मानित किया जाएगा। वहीं बीकानेरी मथेरण कला शैली की गणगौर जो देशभर में प्रसिद्ध है उस मथेरण शैली की गणगौर तैयार करने,लकड़ी से गणगौर आकृति देने एवं नई गोल्डन आर्ट शैली से गणगौर संवारने वाले तीन कलाकरों को विशिष्ट सम्मान प्रदान किया जाएगा । हाल ही में प्रकाशित पुस्तक ‘म्हारी गणगौर’ के लिए पारम्परिक शैली में गीत गा कर रिकार्डिंग करवाने वाली 4 महिलाओं का भी सत्कार किया जाएगा। ओझा ने बताया कि पुस्तक में आधुनिक नए गीतों की बजाय केवल परम्परागत गीत प्रकाशित है,इनमें से कई गीतों की राग को समझने व सुनने के लिये पुस्तक में क्यूआर कोड को स्कैन करने से सुबह दोपहर शाम के गीत सुने जा सकते है,इन गीतों को पुस्तक के लिये रिकार्डिंग कर सहयोग देने वाली महिलाओं को ‘म्हारी गणगौर’ पुस्तक भी भेंट की जाएगी।ये महिलाएं पुस्तक में प्रकाशित व रिकॉर्ड गीत की 1-1 कड़ी भी प्रस्तुत करेगी।
लक्ष्मी ओझा ने बताया कि दूसरे दिन मां गवरजा का पूजन व श्रंगार होगा आरती होगी तथा कथा वाचन होगा।
लोकार्पण के अवसर पर विधायक जेठानन्द व्यास ने कहा कि गणगौर हमारी सास्कृतिक धरोहर है। इसके संरक्षण के लिये रमक झमक का यह आयोजन गणगौर प्रेमियों में उत्साह भर उन्हें आगे सेवा के लिये प्रेरित करेगा।उन्होंने आयोजन के लिये अग्रिम शुभकामनाएं दी। इससे पूर्व प.अशोक ओझा ने स्वस्तिवाचन कर विधायक का स्वागत किया।