
बीकानेर,सरदार पटेल मेडिकल कॉलेज के माइक्रोबायोलॉजी विभाग,जोधपुर एम्स के माइक्रोबायोलॉजी एवं जनरल मेडिसिन विभाग के संयुक्त तत्वावधान में मंगलवार को ऋद्धि सिद्धि रिजॉर्ट में मेलियोइडोसिस एक दिवसीय जागरूकता सह-सीएमई का आयोजन किया गया, जिसमें देशभर से विशेषज्ञ डॉक्टर और वैज्ञानिक शामिल हुए। इस कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद नई दिल्ली की
साइंटिस्ट-जी डॉ. हरप्रीत कौर ने मेलियोइडोसिस की गंभीरता, लक्षण, पहचान और रोकथाम पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि मेलियोइडोसिस, बर्कहोल्डरिया स्यूडोमालेईनामक जीवाणु से होने वाला एक गंभीर रोग है, लेकिन प्रायः उपेक्षित संक्रमण है, जो मिट्टी और पानी से फैलता है तथा डायबिटीज़, लिवर/किडनी रोग और कमजोर प्रतिरक्षा वाले मरीजों में घातक हो सकता है।
डॉ. कौर ने कहा कि आईसीएमआर द्वारा इस बीमारी की रोकथाम और जागरूकता हेतु देश के 15 राज्यों में नेटवर्क सेंटर स्थापित किए गए हैं। एम्स जोधपुर को पश्चिम भारत की एक महत्वपूर्ण साइट के रूप में चयनित किया गया है, जहाँ मेलियोइडोसिस के कई मामलों का सफल निदान किया गया है। उन्होंने यह भी बताया कि राजस्थान, विशेषकर सीमावर्ती इलाकों और अधिक वर्षा वाले क्षेत्रों में, इस बीमारी के तेजी से फैलने की संभावना है।
कस्तूरबा मेडिकल कॉलेज मणिपाल के प्रोफेसर एवं प्रिंसिपल इन्वेस्टिगेटर डॉ. चिरंजय मुखोपाध्याय जो कि इस बीमारी पर पिछले 20 वर्षों से अनुसंधान कर रहे हैं तथा इस बीमारी के विषय से देश के प्रमुख वैज्ञानिक है उन्होंने भारत में मेलियोइडोसिस की स्थिति के बारे में बताया, एम्स जोधपुर के अधीक्षक डॉ. महेश देवनानी ने संक्रामक रोगों के उचित उपचार के बारे में अपना व्याख्यान दिया।जोधपुर एम्स के मेडिसन विभाग के विभागाध्यक्ष गोपाल कृष्ण बोहरा एवं एसोसिएट प्रोफेसर मेडिसन विभाग डॉ. दीपक कुमार ने जोधपुर एम्स में आने वाले रोगियों एवं उनके केस स्टडी की जानकारी दी। जोधपुर एम्स के माइक्रोबायोलॉजी विभागाध्यक्ष डॉ. विभोर टाक ने मेलियोइडोसिस की जांच प्रक्रिया के बारे में बताया।
एसपीएमसी माइक्रोबायोलॉजी विभागाध्यक्ष डॉ तरुणा स्वामी ने सभी अतिथियों को पुष्प गुच्छ भेंट कर स्वागत किया सीएमई में डॉ. संजय कोचर , डॉ. दीपशिखर , डॉ. दिनेश गर्ग, रिसर्च साइंटिस्ट मीनाक्षी पारीक शैलेन्द्र प्रजापत रेजिडेंट डॉक्टर्स एवं अन्य रिसर्च स्टूडेंट्स उपस्थित रहे.
सीएमई के सफल आयोजन हेतु एसपीएमसी प्राचार्य डॉ. गुंजन सोनी एवं पीबीएम अधीक्षक डॉ. सुरेंद्र कुमार ने माइक्रोबायोलॉजी विभाग के प्रयासों को सराहना की।