बीकानेर, प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान के तहत जिला स्तरीय हितकारकों के साथ बैठक बुधवार को जिला क्षय निवारण केंद्र के सभागार में आयोजित हुई।
बैठक में अतिरिक्त जिला कलेक्टर (नगर) उम्मेद सिंह रतनू, मेडिकल कॉलेज अतिरिक्त प्राचार्य डॉ रेखा आचार्य, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त निदेशक देवेंद्र चौधरी, उपनिदेशक डॉ. राहुल हर्ष, डिप्टी सीएमएचओ स्वास्थ्य डॉ. लोकेश गुप्ता, डब्ल्यूएचओ सलाहकार डॉ. मानवेंद्र सिंह राठौड़ ने टीबी के बचाव एवं उपचार के बारे में जानकारी दी।
अतिरिक्त जिला कलेक्टर (नगर) उम्मेद सिंह रतनू ने कहा कि टीबी मुक्त भारत का लक्ष्य प्राप्त करने के लिए स्वास्थ्य विभाग अन्य विभागों, स्वयंसेवी संस्थाओं और निजी क्षेत्रों में लोगों को जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करें। 23 मार्च को विभागों में टीबी मुक्ति के प्रति जागरूकता हेतु शपथ दिलाई जाएं। उन्होंने समस्त कार्यालयों में नोडल अधिकारी नियुक्त करने व टीबी मुक्त अभियान संबंधित प्रचार सामग्री को चस्पा करने को कहा।
मेडिकल कॉलेज की अतिरिक्त प्राचार्य डॉ. रेखा आचार्य ने कहा कि टीबी रोग की रोकथाम के लिए आमजन में जागरूकता के साथ ही टीबी रोगी की जांच व पहचा तथा इसके समुचित पूरे उपचार को बढ़ावा देने में आमजन का सहयोग आवश्यक है। इसके तहत टीबी के मरीजों को सहायता के लिए समूह बनाकर जनप्रतिनिधि, संस्थाओं एवं विभागों में कार्यशालाओं का आयोजन किया जाएं। एक्टिव सर्विलेंस के माध्यम से टीबी मरीज को समय पर चिन्हित किया जाना भी महत्वपूर्ण है।
जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. सी. एस. मोदी ने टीबी चैंपियन, ट्रीटमेंट स्पोंसर, अस्पताल में उपलब्ध सुविधाओं, निक्षय पोषण योजना आदि विषय पर जानकारी दी। उन्होंने बताया कि प्राथमिक या सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर भी टीबी के मरीजों के इलाज की निःशुल्क सुविधा उपलब्ध है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के मानवेंद्र सिंह राठौड़ ने बताया कि मरीज टीबी रोग को गुप्त नहीं रखें। टीबी की समय पर जांच व प्रभावी उपचार लेना जरूरी है।
उन्होंने बताया कि टीबी मरीज के परिजनों को भी इस रोग से बचाव के लिए उपचार करवाना आवश्यक होता है। आमजन में जागरूकता के जरिए ही टीबी उन्मूलन की दिशा में बढ़ा जा सकता है।
बैठक में सामाजिक एवं न्याय अधिकारिता विभाग के संयुक्त निदेशक एल.डी पवार, लायंस क्लब के डॉ हरमीत, पंकज पारीक सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।