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बीकानेर,आठ सूत्री मांगों को लेकर सात दिन से चल रही रेजिडेंट चिकित्सकों की हड़ताल का असर अब पीबीएम अस्पताल में नजर आने लगा है।

मरीज इलाज को लेकर भटक रहे हैं लेकिन उनकी न तो जांचें हो रही है और नही भर्ती किया जा रहा है। स्थिति यहां तक हो गई है कि मरीजों को सोनोग्राफी के लिए तिथि भी नहीं दी जा रही है और जिन मरीजों को पूर्व में तिथि दी गई थी। वे भी जांच के लिए भटक रहे हैं। हालांकि अस्पताल प्रशासन ने वैकल्पिक व्यवस्था के लिए जूनियर रेजिडेन्ट चिकित्सकों की नियुक्ति की है। प्रशासन दावा कर रहा है कि हड़ताल के बावजूद मरीजों को कोई परेशानी नहीं हो रही है और कामकाज भी प्रभावित नहीं है। लेकिन अस्पताल में खाली पड़े वर्डा और ऑपरेशनों की घटती संख्या प्रशासन के दावों को गलत साबित कर रहे हैं। उधर रेजिडेन्ट डॉक्टर्स एसोसिशन का कहना है कि जब तक उनकी मांगों पर लिखित समझौता नहीं हो जाता तब तक हड़ताल पर रहेंगे।

भटक रहे हैं मरीज

अपनी जांचों के लिए भी मरीज भटक रहे हैं। सबसे ज्यादा परेशानी
सोनोग्राफी और निश्चेतन विभाग में आ रही है। सोनोग्राफी में एक भी रेजिडेंट चिकित्सक उपलब्ध नहीं है। मंगलवार को दो-तीन मरीज अपनी चांज के लिए आए थे लेकिन उन्हें यह कह कर वापस रवाना कर दिया कि हड़ताल के कारण जांच नहीं होगी। बज्जू से आई मरीज मजनू के परिजन रामलाल ने बताया कि दो दिनों से सोनोग्राफी की जांच नहीं हो रही है। इस वजह से इलाज भी नहीं हो रहा है। एक अन्य मरीज आनन्द ने बताया कि उसके स्वास्थ्य में सुधार नहीं है। उसके बाद भी उसे छुट्टी दे दी गई है।

पचास प्रतिशत ऑपरेशन प्रभावित

हड़ताल के कारण अस्पताल में पचास प्रतिशत ऑपरेशन प्रभावित हुए हैं। इस समय केवल गंभीर मरीजों का ही ऑपरेशन किया जा रहा है। जबकि अन्य मरीजों को हड़ताल समाप्त होने के बाद आने का कहा जा रहा है। थियेटर में सभी
यूनिटों,निश्चेतन विभाग तथा रेडियो डायनोस्टिक विभाग का सारा काम रेजिटेंड चिकित्सकों के भरोसे है। ऐसे में ऑपरेशन थियेटर में कामकाज बाधित हो गया है।

वैकल्पिक व्यवस्था की है

हड़ताल के चलते अस्पताल में वैकल्पिक व्यवस्था की गई है। इस समय 75 जूनियर रेजिडेन्ट • चिकित्सकों नियुक्ति गई आवश्यकता हुई तो नियुक्ति की जाएगी।

-डॉ. परमिन्द्र सिरोही, अधीक्षक पीबीएम अस्पताल

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