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बीकानेर,पीबीएम अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर में इसी साल मेडिकल इमरजेंसी स्किल लैब शुरू हो जाएगी। इस लैब में ऐसे मरीजों को जल्दी राहत देने के गुर सिखाए जाएंगे जिनकी जान को खतरा है।इसमें दुर्घटनास्थल से लेकर अस्पताल तक के मरीजों का प्रबंधन शामिल होगा। खास बात यह है कि इस केंद्र में संभाग भर के डॉक्टरों और नर्सों के साथ-साथ ड्राइवर, कंडक्टर, टोल कर्मियों आदि के बैच भी लगाए जाएंगे.

हाईवे या सड़क पर रहने वाले इन कर्मियों को सिमुलेटर यानी लाइफलाइक डमी के जरिए सीपीआर देने, खून बहने से रोकने और सुरक्षित अस्पताल पहुंचाने की बारीकियां बताई जाएंगी। करीब पांच करोड़ की लागत से बनने वाली स्किल लैब को स्वीकृति दी गई है। डीपीआर सरकार को भेज दी गई है। लैब के निर्माण से पहले मौजूदा परिसर में ही लैब शुरू करने पर भी विचार चल रहा है। इसके लिए एम्स दिल्ली के डॉक्टर और नर्स विशेष प्रशिक्षण लेकर मास्टर ट्रेनर बन गए हैं। ये ट्रेनर अब दूसरे अस्पतालों के डॉक्टरों और नर्सों को ट्रेनिंग देंगे।

डमी अपनी आंखें घुमाएगी, हांफेगी, बीपी को बताए

ट्रेनिंग के लिए ऐसे अत्याधुनिक सिमुलेटर या इंसान जैसे डमी का इस्तेमाल किया जाएगा, जो दर्द में आंखें बंद कर देंगे। जिसका बीपी ऊपर नीचे होता हुआ नजर आएगा। शरीर के अलग-अलग हिस्सों में लगी चोटें इंसानों की तरह ही दिखाई देंगी।

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