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बीकानेर,आज वरदान हॉस्पिटल भारत रत्न बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर की 132 वी जन्म जयंती के अवसर पर चिकित्सा प्रकोष्ठ भाजपा द्वारा पुष्पांजलि कर संगोष्ठी का आयोजन किया गया।

जिसमें पूर्व शहर अध्यक्ष एवं हनुमानगढ़ जिला प्रभारी से अखिलेश प्रताप सिंह ने बताया कि 14 अप्रैल को विश्व की सबसे बड़ी जयंती है, बाबासाहेब को ‘सिंबल ऑफ नॉलेज’ कहा जाता है
बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर को महिलाओं का मुक्तिदाता कहा जाता हैं क्योंकी हिंदुकोड बिल के माध्यम से देश की तमाम महिलाओं को अनेकों अधिकार बाबा साहब ने दिलाए थे।

चिकित्सा प्रकोष्ठ के संयोजक डॉ सिद्धार्थ असवाल ने बताया कि बाबासाहेब ने महिलाओं के लिए बहु पत्नी की परंपरा को खत्म कर स्त्रियों को सम्मान दिलाया।
पहली पत्नी के होते हुए दूसरी शादी को अमान्य किया। बेटे की तरह बेटी को भी पिता की संपत्ति में अधिकार दिया। बच्चे गोद लेने का अधिकार दिया। महिलाओं को तलाक लेने का अधिकार दिया।
महिलाओं को प्रसव छुट्टी का प्रावधान किया।

जनता पार्टी शहर जिला महामंत्री श्री अनिल शुक्ला ने बताया कि बाबासाहेब ने समान काम करने के लिए महिलाओं को पुरुषों के बराबर वेतन पाने का अधिकार को दिया। स्त्री की क्षमता के अनुसार काम लेने का प्रावधान किया।

डॉक्टर शिव शंकर स्वामी ने बताया की बाबासाहेब ने काम करने की अवधि 12 घंटों से घटाकर 8 घंटा किया। स्त्री-पुरुष असमानता को खत्म किया।

शिवबाड़ी मंडल अध्यक्ष अभय पारीक ने बताया कि बाबासाहेब ने बाल विवाह पर रोक लगाया और विधवा विवाह का अधिकार दिया। धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार दिया। वोट देने का अधिकार दिया।

अदिति राजवंशी ने बताया कि बाबा साहब ने महिलाओं को प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति, डॉक्टर, इंजीनियर, आईएएस, एसडीएम, शिक्षक, सांसद, विधायक, कलेक्टर आदि कई पद प्राप्त करने का अधिकार दिया।

डॉक्टर नरेंद्र स्वामी ने बताया कि बाबासाहेब ने महिलाओं को मानवीय गरिमा के साथ जीवन जीने का अधिकार दिया। बाबासाहेब ने महिलाओं के अधिकार के लिए हिंदू कोड बिल संसद में सरकार में स्वीकार न होने पर बाबा साहब ने कानून मंत्री पद से इस्तीफा दिया।

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