बीकानेर,जयपुर।संस्कृत को हमें रोचक बनाना होगा।जब तक आप इसे रोचक नहीं बनाएंगे तब तक कितने ही विद्यालय खोलने कुछ नहीं होगा।
संस्कृत को लेकर हमें गंभीरता लानी होगी तभी हम इसका विकास कर पाएंगे। हम जो काम कर रहे हैं वह दिखना भी चाहिए,तभी छात्र हमारी तरफ आकर्षित होंगे। वरना छोड़- छोड़ कर चले जाएंगे।
हमें संस्कृत विद्यालयों और महाविद्यालय में नामांकन बढ़ाने के उपायों पर विचार करना होगा। संस्कृत में नवीन पाठ्यक्रम क्या-क्या हो सकते हैं। इस पर भी विचार करना होगा।
यह कहना है संस्कृत शिक्षा मंत्री मदन दिलावर का
मंत्री दिलावर आज यहां शिक्षा संकुल में आयोजित संस्कृत शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। दिलावर ने कहा कि जिला स्तर पर मॉनिटरिंग एवं योजनाओं के क्रियान्वन के लिए जिला नोडल प्रभारी अधिकारी लगाए जाए। संस्कृत विद्यालय में पढ़ने वाले विद्यार्थियों के लिए अलग पोशाक निर्धारित की जाए जो संस्कृति के अनुरूप हो। इसके लिए शीघ्र ही प्रस्ताव भेजने के निर्देश दिए। सामान्य शिक्षा विद्यालयों की तरह संस्कृत विद्यालयों में भी मोबाइल पर शक्ति से बेन लागू किया जाए। कोई भी शिक्षक मोबाइल लेकर कक्षा में न जाए।
संस्कृत विद्यालयों में गुड मॉर्निंग, हेलो-हाय की जगह सुप्रभातम एवं नमस्कारम आदि शब्दों का अभिवादन के लिए प्रयोग किया जाए।
प्रत्येक जिले में एक विद्यालय को आदर्श विद्यालय बनाया जाए इस हेतु प्रस्ताव तैयार कर भेजे जाए। पीएम विद्यालय की तर्ज पर संस्कृत शिक्षा विभाग में शिक्षा में गुणात्मक सुधार लाने की दृष्टि से पीएम श्री योजना के अंतर्गत राजकीय वरिष्ठ उपाध्याय संस्कृत विद्यालय शेख सर बास खोड़ाला बीकानेर का चयन किया गया है। यहां संस्कृत भाषा के साथ कंप्यूटर एवं शारीरिक शिक्षा की शिक्षा दी जा रही है।
परिवर्तित बजट वर्ष 2024 25 की घोषणा अनुसार संस्कृत शिक्षा में पांच नवीन प्राथमिक विद्यालय तथा 10 उच्च प्राथमिक विद्यालय को वरिष्ठ उपाध्याय स्तर पर कमोन्नत किया जाने का निर्णय लिया गया।
20 महाविद्यालय के लिए 50 करोड़: प्रदेश में संस्कृत शिक्षा की प्रोत्साहन एवं विस्तार हेतु भवन विहीन 20 संस्कृत महाविद्यालय हेतु भवन निर्माण कराए जाएंगे। इस हेतु लगभग 50 करोड रुपए व्यय किए जाएंगे।
प्रदेश में ज्योतिष एवं वास्तु विद्या के वैज्ञानिक पक्षों के अध्ययन एवं अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए महाराज आचार्य संस्कृत महाविद्यालय, जयपुर में 10 करोड रुपए की लागत से सेंटर आफ एक्सीलेंस शुरू किया जाएगा।
संस्कृत शाला दर्पण:स्कूल शिक्षा शाला दर्पण की तर्ज पर अलग से संस्कृत शाला दर्पण बनाने के भी अधिकारियों को निर्देश दिए गए।
विभागीय डीपीसी एवं सी ए एस(करियर एडवांस योजना) की स्थिति की जानकारी देते हुए अधिकारी ने बताया कि 2023-24 तक सभी डीपीसी कर दी गई है। केवल 24-25 की डीपीसी बकाया है।जो शीघ्र की जाएगी। संस्कृत शिक्षा में सूचना तकनीकी के प्रयोग की जानकारी देते बताया गया कि देववाणी ऐप तथा गिरवानी एप के जरिए विभाग संस्कृत की जानकारी सुलभ कर रहा है।
साथ ही विभिन्न लाभकारी योजनाओं जैसे निशुल्क पाठ्य पुस्तक योजना, मिड डे मील, मुख्यमंत्री बाल गोपाल दुग्ध योजना, निशुल्क यूनिफॉर्म, ट्रांसपोर्ट वाउचर योजना, उड़ान योजना, छात्राओं को निशुल्क साइकिल वितरण,गार्गी पुरस्कार,पद्माक्षी पुरस्कार आदि सरकारी योजनाओं का लाभ भी दिया जा रहा है।
बैठक मे सचिव संस्कृत शिक्षा श्रीमती पूनम,आयुक्त श्रीमती प्रियंका ,संस्कृत शिक्षा मंत्री के ओ एस डी श्री अभय सिंह राठौर,श्री सतीश गुप्ता,श्री हेमा राम यादव रजिस्ट्रार संस्कृत विश्वविद्यालय,शालिनी सक्सेना सयुक्त निदेशक सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
विभाग में विभिन्न प्रकरणों के निराकरण एवं सुधार हेतु रिव्यू डी पी सी,पाते वेतन शिक्षको के प्रकरण और कोर्ट केसेस के शीघ्र निस्तारण हेतु कमिटी बनाने के निर्देश दिए।