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आज राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने राजस्थान से जिला अध्यक्षों की सूची जारी की जिसमे बीकानेर शहर से लगातार तीसरी बार यशपाल गहलोत को कमान सौंपी गई अब इस नियुक्ति पर यशपाल गहलोत के समर्थक और विपक्ष दोनों ही हतप्रभ है उनका होना लाजमी भी है क्योकि अति उत्साही समर्थक उन्हें सता की भागीदारी में ही देखना चाहते है जो कि बुरा नही है और विपक्ष इसलिए हतप्रभ है कि उन्हें भरोसा था कि इस बार यशपाल गहलोत को पहले जिला अध्यक्ष से हटाया जाए बाकी राजनेतिक नियुक्ति में तो कोई ना कोई रोड़ा आ ही जायेगा और इसके लिए भरसक प्रयास भी हुए इसके अलावा शहर के अनेक बुद्धिजीवी वर्ग इसे “राजनेतिक हत्या”करार दे रहे है और किसी ने इसको इस तरह लिया कि अब इनका नगर विकास न्यास के अध्यक्ष पद पर दावा खत्म इस पूरी कहानी को कुछ अलग नजरिये से देखा जाए तो सीधा सीधा अर्थ है कि कांग्रेस आलाकमान को यशपाल गहलोत से ज्यादा उपयुक्त और ऊर्जावान संगठनकर्ता नही मिला जो आज की विपरीत परिस्थिति में कांग्रेस को एक साथ संजोए रख सके क्योकि यशपाल गहलोत ने संगठन सबके लिए खोल कर हर व्यक्ति को जोड़कर उनको पूरा सम्मान देकर बीकानेर कांग्रेस को एक माला के रूप में पिरोए रखा
2012 में अध्यक्ष बनने के बाद कुछ समय ऐसा था जब वर्षों से संगठन में जमे पड़े उम्रदराज लोगो को युवा यशपाल भाया नही इतना ही नही उस वक़्त भी बहुत से कांग्रेसजनों ने यशपाल पर टैग लगा दिया था उन्हें यशपाल सिर्फ मोहरा नजर आया लेकिन मेहनत और विश्वास के दम पर यशपाल ने ना सिर्फ बनी बनाई भ्रांतियां तोड़ी बल्कि विख्यात दो धुर विरोधी समूहों में भी बेहतरीन सामंजस्य के बूते बीकानेर शहर कांग्रेस को एक मंच पर लाकर खड़ा किया और एक नई ऊर्जा के साथ छोटे बड़े सबके साथ मृदुभाषी सरल सहज उपलब्ध अध्यक्ष के रूप में जता दिया कि कांग्रेस पार्टी के संगठन को कैसे सींचा जा सकता है कैसे बढ़ाया जा सकता है 2013 के चुनावी वर्ष की शुरआत में और अपने एक साल के जश्न के ऊपर यशपाल गहलोत ने सरकार की योजनाओं को घर घर पहुंचाने हेतु जनजागरण अभियान चलाया और राजस्थान ही नही सम्पूर्ण भारत वर्ष में इस बात को रेखांकित किया गया कि सरकारी योजनाओं को घर घर पहुंचाने का रोड मैप ऐसा भी हो सकता है बाकायदा राजस्थान प्रदेश कांग्रेस में यशपाल गहलोत की इस बात को लेकर चर्चा हुई कि कार्य ऐसा होता है और तत्कालीन राज्य सरकार और संगठन ने इस से प्रेरणा लेकर सम्पूर्ण राजस्थान में जन चेतना यात्रा कार्यक्रम लागू किया तब से लेकर आज तक कांग्रेस में एक बेहतरीन संगठनकर्ता और बेहतरीन नेतृत्व के रूप में यशपाल गहलोत ने अपनी अमिट छाप छोड़ी और साल 2018 के विधानसभा के चुनावों हेतु अपनी लोकप्रियता और मजबूत धरातल के बूते सम्पूर्ण भारत मे एक मात्र यशपाल गहलोत ऐसा चेहरा था जिसको पार्टी ने एक बार नही दो बार टिकट दिया हालांकि बाद में पार्टी ने उनको चुनाव ना लड़ाने का फैसला भी राजनैतिक द्वंद के चलते लिया जिसको भी यशपाल ने सरल सहज तरीके से स्वीकार किया और पार्टी के लिए प्रचार में लगे यशपाल गहलोत की कर्तव्यनिष्ठा और पार्टी के प्रति समर्पण को देखते हुए जिला अध्यक्ष के अलावा संगठन से अन्य जिमेदारिया भी यशपाल को भरोसे के साथ सौंपी की यह व्यक्ति इसे पूरा कर लेगा और आलाकमान के हर विश्वास और भरोसे को यशपाल ने अधिक प्रभावी तरीके से बनाये रखने के कसर नही रखी
बीकानेर के हाल के राजनैतिक माहौल पर नजर डाले तो में यह दावे के साथ कह सकता हु की आलाकमान ने बहुत सोच समझकर यह निर्णय किया है कि संगठन की बागडौर यशपाल के हाथों में दी जाए और मुझे भरोसा है कि यशपाल गहलोत इस बदली परिस्थिति में पहले से ज्यादा प्रभावी, स्वतंत्र और बेबाक तरीके से जिला कांग्रेस की गाड़ी को अपने साथ लेकर चलेंगे
यशपाल गहलोत के नियुक्ति में सबके अपने अपने दावे हो सकते है लेकिन मेरा दावा है कि यह बेहतरीन यशपाल गहलोत को सुद्रढ़ यशपाल गहलोत बनाने का आलाकमान का फैसला है अब यशपाल गहलोत को साबित करना है कि जो विश्वास उन पर आलाकमान ने किया है उस विश्वास को कायम रखते हुए एक शानदार जानदार और सबसे अधिक मजबूत विकल्प के रूप में अपने आप को प्रदर्शित करे

बाकी बाते अगली पाती में

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