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बीकानेर.बल्लभ गार्डन क्षेत्र स्थित सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट का एक बार फिर विद्युत कनेक्शन कट गया है। विद्युत बिल की राशि जमा नहीं करवाने पर विद्युत कनेक्शन विच्छेद हो गया है। विद्युत आपूर्ति नहीं होने पर पूरे प्लांट को ऑपरेशनल स्थिति में रखने के लिए डीजी सेट भी लगाया हुआ है, लेकिन सोमवार को यह डीजी सेट भी बंद मिला। निगम महापौर सुशीला कंवर ने निगम अधिकारियों के साथ इस एसटीपी का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान एसटीपी के संचालन को लेकर कई खामियां सामने आई।

एसटीपी में ये कमियां आई सामने

महापौर के अनुसार एसटीपी का विद्युत कनेक्शन कटा हुआ मिला। डीजी सेट भी बंद था। पूरा प्लांट नॉन ऑपरेशनल था। सौर ऊर्जा से विद्युत उत्पादन करने का कार्य भी अधूरा पड़ा है। सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट ठप्प पड़ा है। शहर का सीवरेज का पानी करोड़ों रुपए खर्च होने के बावजूद बिना शोधित किए पूर्व में बनी डिग्गियों में छोड़ा जा रहा है। संवेदक की ओर से यहां 3 मेगावाट उत्पादन क्षमता का सोलर प्लांट भी लगा कर नगर निगम को देना है। आज दिनांक तक इस कार्य में प्रगति नहीं है। एसटीपी में सिर्फ सोलर के पोल खड़े किए गए हैं। सोलर प्लेट्स सहित शेष सभी कार्य बकाया है। एनजीटी गाइड लाइन अनुसार 30 प्रतिशत क्षेत्र में हरियाली व पौधरोपण किया जाना था, लेकिन कंपनी की ओर से इसकी पालना नहीं की गई है।कार्य पूर्णता की अवधि पूरी होने के बाद भी अब तक एसटीपी का कार्य पूरा नहीं हुआ है।

ढाई करोड़ से अधिक की राशि बकाया

महापौर के अनुसार एसटीपी के संचालन में काम ली जा रही विद्युत खर्च का बिल संबंधित कंपनी की ओर से ही भरा जाना है। पूर्व में करीब ढाई करोड़ की राशि बकाया होने के कारण बिजली का कनेक्शन कट गया था।

कंपनी की ओर से एक करोड़ की राशि जमा करवाने पर कनेक्शन जोड़ा गया था। वर्तमान में फिर से ढाई करोड़ से अधिक की राशि का बिल बकाया होने के कारण बीकेईएसएल कंपनी ने एसटीपी के विद्युत कनेक्शन को काट दिया है।

ये रहे साथ

एसटीपी के निरीक्षण के दौरान निगम के अधीक्षण अभियंता ललित ओझा, अधिशासी अभियंता संजय ठोलिया, अभियंता रामचन्द्र चौधरी, ओम प्रकाश चौधरी, पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड में जेएसओ गरिमा मिश्रा साथ रहे। संवेदक फर्म की ओर से प्रोजेक्ट मैनेजर अविनाश कुमार व सजन कुमार भी मौजूद रहे।

अब पानी बेचेगा निगम

निगम ने शोधित पानी को बेचने के लिए ई ऑक्शन के माध्यम से अनुबंध किया। इससे निगम को राजस्व की प्राप्ति होनी है। अनुबंध होने के छह माह बाद भी संवेदक को शोधित पानी के लिए कनेक्शन नहीं दिया गया। महापौर ने संवेदक एक दिन में पानी का कनेक्शन देने के निर्देश दिए।

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