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बीकानेर; पर्यावरण संरक्षण संस्थान (डेको), जोधपुर और महिला पीजी महाविद्यालय, जोधपुर के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित समारोह में मुख्य अतिथि पूर्व इलाहाबाद उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश, श्री गोविन्द जी माथुर एवं कृषि विश्वविद्यालय, जोधपुर के पूर्व कुलपति प्रो. एन हर्ष जी द्वारा “मरूरत्न पुरस्कार” प्रदान किया गया। वर्तमान मे प्रो. छंगाणी प्रोफेसर एवं विभागाध्यक्ष के पद पर पर्यावरण विज्ञान विभाग, महाराजा गंगा सिंह विष्वविद्यालय, बीकानेर मे कार्यरत है। प्रो. छंगाणी ने शोध पत्रवाचन, आमंत्रित व्याख्यान व शोध परिक्षक के रूप मे अमेरिका, जापान, चीन, कम्बोडिया, नेपाल, भूटान, इथोपिया आदि देषों की यात्राएं की है। इस दौरान अमेरिका के एक दर्जन विश्वविद्यालयों व शोध संस्थानों का दौरा किया जिसमे नेशनल जू, स्मिथसोनियन इन्स्टीट्यूट, यू.एस. फिश एण्ड वाइल्डलाइफ सर्विस, पेटोजेन्ट वाइल्डलाइफ सेन्टर, वाशिंगटन, वेन्चुरा वाइल्डलाइफ सोसाइटी, वेन्चूरा केलीफोर्निया, कोन्डोर ब्रीडिंग सेन्टर, लाॅस एन्जेलिस, इगल ब्रिडिंग सेन्टर, केटेलिना आईलेण्ड, ओहायो स्टेट यूनिवर्सिटी, कोलम्बस, एरिजोना स्टेट यूनिवर्सिटी, ट्यूसाॅन, ऐरिजोना आदि मे विजिटिंग प्रोफेसर के रूप मे व्याख्यान दिये।

प्रो. छंगाणी ने कुल 15 शोध परियोजनाओं का संचालन किया व विभिन्न राष्ट्रीय व अन्तर्राष्ट्रीय शोधपत्र पत्रिकाओं मे 130 से ज्यादा शोधपत्र प्रकाषित किये। इसके अलावा उन्होने देश विदेश के कुल 28 शोध विद्यार्थियों को लघू शोध, डाॅक्टोरल व पोस्ट डाॅक्टोरल शोध लेखन कराया है। विगत 25 वर्षों मे प्रो. छंगाणी ने 30 पर्यावरण, वन्यजीवों व प्रकृति से जुडी फिल्में व वृत्तचित्र नेशनल ज्योग्राफी, बीबीसी, डिस्कवरी, एन.एच.के. जापान, जर्मन टीवी, अर्थ वाॅच, एनिमल प्लेनेट, स्टार टीवी, दूरदर्शन, एनडी टीवी आदि चेनलों के साथ बनाए है। वर्तमान मे प्रो.छंगाणी उर्जा के प्राकृतिक संसाधनों, बन्दरों के रिट्रोवायरस, पर्यावरण प्रबन्धन के परम्परागत तरिकों, जैवविविधता संरक्षण, वन्यजीव संरक्षण व जिला पर्यावरण परियोजनाओं आदि विषयों पर शोध कार्य कर रहे है। ज्ञतव रहे कि इस से पर्व भी प्रो. अनिल कुमार छंगाणी को देश विदेश में सम्मानित किया जा चुका है! वर्ष 1998 मे राज्य सरकार द्वारा स्वतंत्रता दिवस पर सम्मानित किया गया, वर्ष 2004 मे अशोका ट्रस्ट, बंगलोर द्वारा सम्मानित किया गया, वर्ष 2006 मे मेहरानगढ म्यूजीयम ट्रस्ट, जोधपुर द्वारा “मारवाड रत्न” (रू. 25,000/- रोकड) प्रदान किया गया, वर्ष 2009 मे जोलोजिकल सोसाइटी, लंदन द्वारा ‘श्रेष्ठ पोस्टर’ हेतु सम्मानित किया गया। इसके अलावा प्रो. छंगाणी को पर्यावरण व वन्यजीवों पर लिखे शोधपत्रों पर भारतीय वानिकी संस्थान, देहरादून द्वारा लगातार दो बार प्रतिष्ठित ‘चतुर्वेदी पुरस्कार’ से वर्ष 2012 व 2017 मे सम्मानित किया गया। हाल ही मे प्रो. छंगाणी को ‘फतेहसिंह वन्यजीव संरक्षण पुरस्कार’ वर्ष 2020 मे दिया गया।

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