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बीकानेर,राजस्थान का सैनिक कल्याण विभाग शहीदों के माता-पिता को ‘वीर माता’ और ‘वीर पिता’ पहचान पत्र जारी करेगा. यह फैसला राजभवन में राज्यपाल कलराज मिश्र की अध्यक्षता में हुई सैनिक कल्याण बोर्ड की बैठक में लिया गया. बैठक में कई अन्य महत्वपूर्ण मामलों पर भी चर्चा हुई.

राजस्थान में शहीदों के माता-पिता को मिलेगा वीर माता-पिता का पहचान पत्र.

जयपुर,राजस्थान का सैनिक कल्याण विभाग शहीदों के माता-पिता को ‘वीर माता’ और ‘वीर पिता’ पहचान पत्र जारी करेगा. यह निर्णय यहां राजभवन में राज्यपाल कलराज मिश्र की अध्यक्षता में हुई सैनिक कल्याण बोर्ड की बैठक में लिया गया. इसके अलावा, शहीदों और वीरता पुरस्कार विजेताओं के नाम पर स्कूलों या सार्वजनिक स्थानों के नामकरण की प्रक्रिया को सरल बनाया जाएगा.

*सैनिक कल्याण विभाग जारी करेगा आई-कार्ड*
राज्यपाल ने अधिकारियों को पूर्व सैनिकों और उनके परिवारों के कल्याण के लिए विभिन्न योजनाओं को प्रभावी ढंग से और समयबद्ध तरीके से लागू करने का भी निर्देश दिया. एक विज्ञप्ति के जरिए बताया गया, ‘राज्यपाल कलराज मिश्र की पहल पर सैनिक कल्याण विभाग अब शहीद की माता को ‘वीर माता’ और शहीद के पिता को ‘वीर पिता’ पहचान पत्र जारी करेगा.  इसी तरह  शहीद जवानों और वीरता से सम्मानित सैनिकों के नाम पर स्कूलों या सार्वजनिक स्थलों का नामकरण करने की नीति का सरलीकरण किया जाएगा.’

*राज्यपाल ने दिया आदेश*
राज्यपाल मिश्रा ने कहा कि शहीदों और पूर्व सैनिकों के परिवारों को समाज में उचित सम्मान मिलना चाहिए. उन्होंने कहा कि सभी को मिलकर शहीदों के आश्रितों की सामाजिक, पारिवारिक और आर्थिक समस्याओं का समाधान करना चाहिए. राज्यपाल ने कहा कि सैनिकों के कल्याण से जुड़ी विभिन्न योजनाओं और उन्हें दी जा रही सुविधाओं का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए.

राज्यपाल की अध्यक्षता में हुई बैठक में सैनिक कल्याण मंत्री राजेंद्र सिंह गुढ़ा, राज्य स्तरीय सैनिक कल्याण सलाहकार समिति के अध्यक्ष मानवेंद्र सिंह जसोल, उपाध्यक्ष राम सहाय बाजिया, मुख्य सचिव उषा शर्मा सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे.

*वीरांगनों ने किया था प्रदर्शन*
आपको बता दें कि बीते दिनों राजस्थान में शहीदों की वीरांगनों ने सड़क पर उतरकर विरोध प्रदर्शन किया था. पुलवामा के शहीदों की पत्नियों के प्रदर्शन पर सियासत भी जमकर हुई थी. शहीदों की पत्नियों ने मांग की थी कि न सिर्फ उनके बच्चों, बल्कि उनके रिश्तेदारों को भी अनुकंपा के आधार पर सरकारी नौकरी दी जाए. पुलवामा में 2019 में हुए आतंकवादी हमले में राजस्थान के शहीद सीआरपीएफ के तीन जवानों की विधवाओं ने गहलोत सरकार पर उनसे किए गए वादों को पूरा नहीं करने का आरोप लगाते हुए राज्यपाल कलराज मिश्र से अपनी जीवन लीला समाप्त करने की अनुमति मांगी थी.

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