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बीकानेर, डेंगू के बुखार से निजात पा चुके रोगियों को रोग के साइड इफेक्ट से परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इनमें बच्चों की संख्या सर्वाधिक है। डेंगू के साइड इफेक्ट के रोगी निरन्तर अस्पतालों में पहुंच रहे है। डेंगू प्रभावित बच्चें लगड़ाकर चलने, सिर दर्द, जी मिचलाना व जोड़ों में दर्द की परेशानी झेल रहे है।
कोठारी अस्पताल के फिजिशियन डाॅ.विनोद असवाल, ंबाल रोग विशेषज्ञ डाॅ.श्याम अग्रवाल व डाॅ.सारिका स्वामी ने बताया कि डेंगू से ठीक हो चुके कई बच्चे तो ऐसे पहुंच रहे है जिनको चलने में दिक्कत का सामना करना पड़ता है। इसके अलावा पैरों में जकड़न, जी मिचलाने सिर दर्द, खांसी के मरीज अधिक है।
चिकित्सकों ने बताया कि डेंगू बुखार के कारण कम इम्यूनिटी वाले बच्चों में यह समस्या अधिक दिखाई दे रही है। नोखा के एक बच्चे से तो बुखार के ठीक होने के 15 दिन बाद भी चलने की क्षमता प्राप्त नहीं हुई है। अस्पतालों में आने वाले बच्चों के अभिभावक बच्चों के नहीं चलने पर अधिक चिंतित नजर आ रहे है।
बाल रोग विशेषज्ञ डाॅ. श्याम अग्रवाल ने बताया कि डेंगू बुखार से पीड़ित 10-15 प्रतिशत बच्चों के रोग के ठीक होने के बावजूद कमजोरी की वजह से चलने,हाथ पांव व सिर में दर्द की समस्या से जुझना पड़ता है। उन्होंने बताया कि सर्दी के बढ़ने व मौसम के बदलाव के कारण भी कई बच्चों को सिरदर्द, सर्दी, जुकाम के कारण भी थकावट महसूस हो रही है। उन्होंने कहा कि डेंगू के बुखार से ठीक हुए बच्चों के अभिभावक बच्चे के लड़़खड़ाकर चलने व अन्य समस्या पर चिंता नहीं करें। बच्चों को बाजार के तले हुई चीजों से वंचित रखे तथा अच्छा पोषाहार दें। सामान्य प्रक्रिया के तहत बच्चा कुछ दिन में स्वतः ही ठीक हो जाता है, किसी तरह की परेशानी नजर आने पर चिकित्सक की सलाह लें।

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