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बीकानेर,फर्जी आईडी व फर्जी बैंक खातों से इनकम टैक्स को करोड़ों का चूना लगाने वाले शातिर खिलाड़ी मनीष छाजेड़ पुत्र जैन लूणकरण छाजेड़ पर तीन दिन का पुलिस रिमांड मंजूर हो गया है। बुधवार को एसओजी ने आरोपी को न्यायालय में पेश किया। न्यायालय ने पूछताछ के बाद 12 मार्च को वापिस पेश करने के आदेश दिए हैं। कोटगेट थानाधिकारी मनोज माचरा ने रिमांड मिलने की पुष्टि की है।

बता दें कि गंगाशहर निवासी मनीष छाजेड़ पुत्र जैन लूणकरण छाजेड़ को चार अलग अलग अधिकारियों ने अपनी जांच में मुख्य अभियुक्त करार दिया। सबसे पहली जांच कोटगेट पुलिस के एएसआई चैनदान ने की। इस दौरान मनीष छाजेड़ नामजद नहीं था। जांच में पता चला कि इस पूरे खेल का असली खिलाड़ी मनीष छाजेड़ है। आरोपी इस जांच से संतुष्ट नहीं हुआ। राजनीतिक पहुंच का इस्तेमाल कर जांच बदलवाई। दूसरी जांच तत्कालीन थानाधिकारी वेदप्रकाश लखोटिया ने की। लखोटिया ने भी अपनी जांच में मनीष छाजेड़ को मुख्य अभियुक्त माना। इस जांच से भी आरोपी संतुष्ट नहीं हुआ। कई बार रिव्यू हुए। बाद में जांच सीआईडी सीबी में ले जाई गई। सीआईडी सीबी के एएसपी प्यारेलाल शिवराण ने मामले की गहन जांच की। जांच में चौंकाने वाले खुलासे हुए। पता चला कि मनीष छाजेड़ ने न सिर्फ फर्जी आईडी से फर्जी व्यापार कर इनकम टैक्स को चूना लगाया है। बल्कि सरकारी दस्तावेज भी अपनी ही ऑफिस में बना लिए। सीआईडी सीबी ने तीनों मुकदमों में मनीष छाजेड़ को मुख्य अभियुक्त माना। मामले में मुनीम राजेंद्र ओझा, प्रफुल्ल झा, बैंक ऑफ बड़ोदा का विनोद कुमार व आईसीआईसीआई बैंक का राजेश भाटी भी अलग अलग मामलों में दोषी पाए गए। इतनी जांचों के बावजूद आरोपी स्वयं को निर्दोष बताकर सरकारी जांच एजेंसियों व सिस्टम को गुमराह करता रहा। पिता जैन लूणकरण छाजेड़ के सामाजिक व राजनीतिक रसूख का इस्तेमाल कर चौथी बार जांच बदलवाई गई। इस बार जांच मिली एस ओ जी को। एस ओ जी के एएसपी ओमप्रकाश किलानिया को सीआईडी सीबी द्वारा की गई 8100 पेज़ की जांच के बावजूद फिर से जांच करनी पड़ी। ख़ास बात यह है कि इस जांच में भी अभियुक्त मनीष छाजेड़ ही निकला।

एस ओ जी ने आलाकमान के निर्देश पर गिरफ्तारी की साइलेंट प्लानिंग की। मंगलवार को सर्किट हाउस में उसे जांच के लिए बुलाया। जहां से उसे कोटगेट थाने लाया गया। मंगलवार शाम को उसे गिरफ्तार कर लिया गया।

अधिकारियों के मुताबिक मामला पानी की तरह साफ है। मुकदमों में नामजद रहे आर एस क्रेडिट से जुड़े लोगों की किसी भी जांच में किसी तरह की भूमिका नहीं मिली। उल्लेखनीय है कि मनीष छाजेड़ से जुड़े इस प्रकरण में छाजेड़ ने आर एस क्रेडिट के अलावा करीब 8-9 बड़े ब्रोकर हाउसेज के साथ भी धोखाधड़ी की। अधिकारियों के अनुसार अब तक 38 फर्जी खाते सामने आ चुके हैं।

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