बीकानेर,फर्जी आईडी व अकाउंट से लाखों करोड़ों के फर्जीवाड़े के मास्टरमाइंड गंगाशहर निवासी मनीष छाजेड़ को पुलिस ने आज तीसरे मुकदमें में भी रिमांड पर ले लिया है। मंगलवार को एसओजी उसे बीछवाल जेल से प्रॉडक्शन वारंट पर गिरफ्तार कर कोटगेट पुलिस थाने लेकर आई थी। आज उसे न्यायालय में पेश किया गया। एसओजी ने न्यायालय के समक्ष उस पर पुलिस रिमांड की आवश्यकता जाहिर की। इस पर न्यायालय ने उस पर एक दिन का पुलिस रिमांड मंजूर कर लिया।
अब मास्टरमाइंड मनीष छाजेड़ को गुरुवार को न्यायालय में पेश किया जाएगा।बता दें कि फर्जीवाड़े के इस चर्चित मामले में गंगाशहर मनीष छाजेड़ को एसओजी ने तीन मुकदमों में तीन बार गिरफ्तार किया है। सभी मुकदमों में कार्यवाही हेतु उसे पुलिस रिमांड पर भी लिया गया
ज्ञात रहे कि 2018 में कोटगेट थाने में तीन अलग मुकदमें दर्ज हुए थे। मामले की जांच में सामने आया कि फर्जीवाड़े का असली किरदार मुकदमें में नामजद आरोपी नहीं बल्कि गंगाशहर निवासी मनीष छाजेड़ पुत्र जैन लूणकरण छाजेड़ है। पुलिस के एएसआई ने मामले में मनीष छाजेड़ को दोषी माना। मगर आरोपी ने अपनी सामाजिक व राजनीतिक पहुंच का इस्तेमाल कर जांच बदलवाई। इस बार जांच कोटगेट थानाधिकारी ने की। थानाधिकारी ने भी मनीष छाजेड़ को ही दोषी माना। इसके बाद भी आरोपी ने जांच पर सवाल खड़े किए। मामला सीआईडी सीबी में ले जाया गया। सीआईडी सीबी के एएसपी प्यारेलाल शिवराण ने मामले की गहन जांच की। जांच में चौंकाने वाले खुलासे हुए। तीन मुकदमों के अलावा भी कई फर्जी खाते सामने आए। फर्जी आईडी भी सामने आई। मगर कोई परिवादी ना होने से तीन मुकदमों के अंदर ही नतीजा पेश हुआ। सीआईडी सीबी ने 8100 पेज़ की जांच रिपोर्ट तैयार की। आरोपी के खिलाफ भरपूर साक्ष्य जुटाए। जुर्म प्रमाणित माना गया। करोड़ों के हवाले की बात भी सामने आई। इसके बावजूद आरोपी गिरफ्तारी से बचता रहा। जयपुर आलाकमान को गुमराह कर फिर जांच बदलवाई गई। अबकी बार जांच एस ओ जी में गई। एस ओ जी के एएसपी ओमप्रकाश किलानिया ने भी आरोपी मनीष छाजेड़ पुत्र जैन लूणकरण छाजेड़ के खिलाफ जुर्म प्रमाणित माना। जयपुर मुख्यालय के निर्देश पर बड़ी ही समझदारी से आरोपी को पूछताछ के बहाने गिरफ्तार किया गया। गिरफ्तारी के बाद भी गुमराह करने और खुद को निर्दोष बताने का अभियान थमा नहीं।