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बीकानेर18 जुलाई-आज़ादी के आंदोलन का बिगुल फूंकने वाले प्रथम क्रांतिकारी वीर अमर शहीद मंगल पांडे की 194 वी जयन्ती की पूर्व संध्या पर कल्याण फाउंडेशन ऑफ इंडिया द्वारा अमर शहीद की स्मृति में “मंगल पांडे-वीरता पुरस्कार” पुलिस इंस्पेक्टर श्रीमती कमला पुनिया को प्रदान किया गया| रानी बाजार स्थित सेमुनो इंस्टीटूय सभागार में भाजपा जिलाध्यक्ष ताराचंद सारस्वत की मुख्यतिथी और विशिष्ठ अतिथि प्रमुख व्यवसायी जयकिशन भारी, बीछवाल अस्पताल प्रभारी डॉ पी.के .सरीन, अणुव्रत की अध्यक्षा और शिक्षाविद डॉ नीलम जैन के सानिध्य कल्याण फाउंडेशन ऑफ इंडिया द्वारा वीरता पुरष्कार प्रदान किया गया| जिसमे श्रीमती कमला पुनिया को शाल, श्रीफल, प्रतीक चिन्ह, अभिनदंन पत्र प्रदान करते हुए स्वागत किया गया मुख्यातिथि ताराचंद सारस्वत ने कहा कि सैनिक के रूप में देश की अस्मिता के लिए लड़ना गौरव की बात है आज का समय है कि हम महापुरषो की जीवनी को पढ़कर समाज और देश के लिए अपना क्या योगदान हो सकता है उसके बारे में विचार करे| विशिष्ठ अतिथि जय किशन भारी ने साहस को परिभाषित करते हुए आज के युवाओं को देश के विकास से संबंधित कार्यो पर ज्यादा ध्यान देने की आवश्यकता है उन्होंने कहा कि हमे कमला पुनिया आओर मंगल पांडे जैसे महापुरषो से प्रेरणा लेनी चाहिए| विशिष्ठ अतिथि डॉ पी के सरीन के अपने कर्तव्यों को पूरा करने की बात कहते हुए कहा कि कहा कि आज देश का माहौल वैसा ही है जैसा आज़ादी से पहला था उस वक़्त देश के वीर सपूत मोर्चा संभाले थे ठीक इसी तरह आज वीर पुलिसकर्मी सामाजिक संरचना को तोड़ने वालों से देश विरोधी ताकतों से लोहा लेता है और हमे सुरक्षित रखता है हमे गर्व है हमारे पुलिसकर्मियों पर और आज सैनिक का सम्मान करके खुद को में गौरान्वित महसूस कर रहा हुविशिष्ठ अतिथि डॉ नीलम जैन ने कहा कि आज हम जिस खुली आबो हवा में खुद को आज़ाद मानते है वो अगर बरकरार है तो इन्ही पुलिस सेवा के जवानों के बूते जो  अपनी जान को हथेली पर रखकर देश  विरोधी ताकतों का मुकाबला करत्ते है| वरिष्ठ समाजसेवी सत्यदेव शर्मा और पुरषोतम सेवक ने कहा कि मंगल पांडे जिस तरह धर्म के मान और देश की शान के लिए सबसे ताकतवर ब्रिटिश हुकुमत के सामने नही झुके ठीक इसी तरह आज के सैनिक है जो देश की आन बान शान और समाज के लिए अपनी जान को जोखिम में डालते है इनका सम्मान करना वास्तव में खुद को सम्मानित करने जैसा है कल्याण फाउंडेशन ऑफ इंडिया की निदेशक कामिनी भोजक मैया ने स्वागत भाषण देते हुए कहा कि जिंदगी में हको के लिए जो लड़ नही सकता या अपनो को जो अधिकार नही दिला सकता वो ना तो खुद आगे बढ़ पाता है ना ही समाज को आगे बढ़ा पाता है कामिनी भोजक मैया ने अपनी बात इन पंक्तियों में व्यक्त की संग्राम जिंदगी है लड़ना हमें पड़ेगा जो लड़ नहीं सकेगा आगे नहीं बढ़ेगा इतिहास कुछ नहीं है संघर्ष की कहानी राणा,शिवा,भगत,पांडे और झांसी वाली रानी कोई भी कायरो का इतिहास क्यों पड़ेगा इसलिए जो लड़ नहीं सकेगा आगे नहीं बढ़ेगा”अभिनन्दन पत्र का वाचन जितेंद भौजक ने किया आभार मंडल अध्यक्ष नरसिंह सेवग ने ज्ञापित किया संचालन नितिन वत्सस ने किया इस अवसर पर संजय आचार्य, पार्षद मनोज किराडू, गोपाल कूकना, शबनम बानो, नवीन आचार्य,अश्वनी शर्मा, विजयप्रकाश गोयतान, सुभाष वाल्मीकि, नवदीप गहलोत, अमित सोलंकी, गणेश पणेचा, ओमप्रकाश व्यास, खुश भोजक, गंगासिंह राजपुरोहित सहित बड़ी संख्या में गणमान्य जन मौजूद थे।

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