Trending Now












बीकानेर, बाबा साहब डॉ. बी. आर. अम्बेडकर के जन्मदिवस 14 अप्रेल की पूर्व संध्या पर आयोजित होने वाले राष्ट्र समर्पित युवा मंच के राष्ट्रवादी समागम के प्रचार प्रसार हेतु रविशेखर मेघवाल गांव-गांव, ढाणी-ढाणी जाकर प्रेरित कर रहे हैं।   रविशेखर मेघवाल द्वारा मेघवाल समाज में जागृति हेतु एक नई पहल की शुरूआत की गई है जिसको लेकर मेघवाल समाज के लोगों के बीच काफी उत्सुक्ता देखी जा रही है। नई पहल के तहत रविशेखर मेघवाल के द्वारा समाज की शादियों में जाकर समाज के लोगों को जागृत करते हुये यह नई मुहिम शुरू कर रहे हैं जिसके तहत समाज के लोग अपने बच्चों की शादी के समय जो तमाम तरह के खर्च शादी समारोह मंे करते हैं उसमें अभी नये सिरे से वर-वधू दोनों पक्ष शिक्षा के नाम पर 500 रू. अलग से अदा करें। रविशेखर मेघवाल ने बताया कि हम अपनी शादियों में बहुत सारा पैसा व्यय करते हैं क्यूं न उसमें एक छोटा से हिस्सा 500 रू. का उन बच्चों की शिक्षा के लिये निकालें जिनकी आर्थिक स्थिति कमजोर होने की वजह से गांव में शिक्षा अर्जित नहीं कर पाते हैं। रविशेखर मेघवाल ने बताया कि आज भी हमारे देश में मेघवाल समाज के बहुत से गांव और परिवार ऐसे हैं जहां जरूरी सुविधायें रेगिस्तान में बरसात की तरह हैं जिसका कोई भरोसा नहीं है।  भले ही हम 21वीं सदी में आ चुके हैं और विकास की तरफ बढ़ भी रहे है लेकिन आज भी मेघवाल समाज के बहुत से गांव और परिवार वैसे ही पिछडे हुये हैं जहां शिक्षा का स्तर न के बराबर है। रविशेखर मेघवाल ने बताया कि कभी समय निकालकर अगर हम अपने आस-पास के आंगनबाडी अथवा सरकारी स्कूल पर नजर डालेंगे तो हमें अहसास होगा की हमारे यहां शिक्षा की व्यवस्था कैसी है।  ऐसे समय में मेघवाल समाज के मध्यवर्गी परिवार को शिक्षा इतनी महंगी लगने लगती है जिसकी बदौलत वह परिवार अपने बच्चों को स्कूल भेजने का इंतजाम अपनी आर्थिक स्थिति की वजह से नहीं कर पाते हैं, ऐसे में मेघवाल समाज के एक गरीब घर के बच्चे को उच्च शिक्षा तो दूर सामान्य शिक्षा मिल जाये तो भी बहुत बडी बात होती है। रविशेखर मेघवाल ने बताया कि हम अपनी रोजमरा की जिन्दगी में मेघवाल समाज के कई ऐसे परिवारों को देखते हैं जिनके घर में दो वक्त का भोजन बनना भी बहुत बडी बात होती है उन परिवारों के लिये अपना तन ढकने के लिये ठीक-ठाक कपडें मिल जाये तो बडी खुशी की बात होती है ऐसे में उस परिवार के लिये पढाई के लिये बच्चों पर खर्च करना बहुत मुश्किल होता है।  ऐसे समय में हम सभी का यह दायित्व बनता है कि हम समाज में एक नई पहल प्रारम्भ कर मेघवाल समाज के उन बच्चों के बहतर भविष्य के लिये बहतर विकल्प ढूंढ सकते हैं।  रविशेखर मेघवाल ने बताया कि इस मुहिम के तहत गांव के प्रमुख लोग 5 मुखीय लोगों की कमेटी बनाये जो कि साल भर के अन्दर होने वाले विभिन्न वैवाहिक समारोह के तहत आने वाली राशि को एकत्रित कर उन बच्चों के लिये कमेटी बनाकर मदद कर सके।  श्री रविशेखर मेघवाल ने बताया कि हाल ही में मेघवाल समाज के लम्माणा और बाला गांव की शादी में सम्मलित होकर जब यह प्रस्ताव रखा तो समाज के लम्माणा गांव के श्री झंवरलाल जी पुत्र श्री परताराम जी पंवार तथा बाला गांव के श्री लूणाराम जी ने इस मुहिम की शुरूआत की जिसके तहत समाज के लोगो ने दोनों ही परिवार की इस नई शुरूआत के लिये बधाई और शुभकामनायें दी। रविशेखर मेघवाल ने बताया कि एक गरीब परिवार का मुखिया या तो मजदुरी करता है या फिर थोडा बहुत खेत पर खेती करके अपने परिवार का भरण-पोषण करता है, ऐसे में किसी-किसी दिन तो उसके घर में चूल्हा ही नहीं जल पाता है। ऐसे परिवार के बच्चे रूखी-सुखी रोटियां खाकर कई-कई दिन गुजार देते हैं ।  ऐसी विषम परिस्थितियों के चलते वो बच्चे शिक्षा से काबलियत होते हुये भी वंच्छित रह जाते है।  श्री रविशेखर मेघवाल ने कहा कि मेरी इस मुहिम का एक छोटा सा प्रयास मैने मेघवाल समाज से शुरूआत के तौर पर की है जिसको आगे चलकर राष्ट्र समर्पित युवा मंच के माध्यम से सर्व समाज के लिये होगा क्योंकि शिक्षा के बिना चाहे वो कोई सा भी समाज हो वो अधूरा है।  सर्व समाज को मजबूत और सुदृढ़ बनाने के लिये आज समय में शिक्षा ही सबसे बडी आवश्यकता है।

Author