बीकानेर,राजस्थान अभिलेखागार निदेशालय बीकानेर की चमक को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर फैलाने वाले व निदेशक पद पर कार्यरत डॉ. महेन्द्र खड़गावत का चयन भारतीय प्रशासनिक सेवा के लिए हुआ है। केन्द्र सरकार के कार्मिक विभाग ने बुधवार को इसकी अधिसूचना जारी की अधिसूचना के तहत वर्ष 2020 के लिए चयन सूची जारी की गई। जिसमें डॉ. ओम प्रकाश बैरवा और डॉ. महेन्द्र खड़गावत का चयन हुआ है। इन पदों के लिए दिसम्बर 2021 में संघ लोक सेवा आयोग नई दिल्ली में साक्षात्कार हुआ था। साक्षात्कार में डॉ. खड़गावत व डॉ. वैरवा का चयन हुआ है।
डॉ. महेन्द्र खड़गावत वर्ष 2005-06 से अब तक लगातार राजस्थान राज्य अभिलेखागार निदेशालय के निदेशक पद पर कार्यरत हैं। डॉ. खड़गावत के कार्यकाल, में अभिलेखागार देश का पहला डिजीटल अभिलेखागार बना। वहीं अभिलेखागार में देश का पहला अभिलेख म्यूजियम भी तैयार हुआ।
डॉ. खड़गावत उत्कृष्ट कार्यों व सेवाओं के लिए वर्ष 2010 व 2016 में राज्य स्तर पर सम्मानित हो चुके हैं। डॉ. खड़गावत की 25 से अधिक पुस्तकों का प्रकाशन हो चुका है। महाराष्ट्र के प्रतिष्ठित पुरस्कार प्रमोद माण्डे से भी डॉ. खड़गावत सम्मानित हो चुके हैं। राजस्थानी भाषा, साहित्य एवं संस्कृति अकादमी के वर्ष 2008 से 2011 तक अध्यक्ष भी रहे। इंडियन हिस्टोरिकल रिकॉर्ड्स कमीशन नई दिल्ली के सदस्य भी रहे हैं। कई राष्ट्रीय और अन्तराष्ट्रीय सेमीनारों में पत्रवाचन भी किए हैं। शोध पत्रों का भी प्रकाशन हुआ है।
महेन्द्र खड़गावत की माताजी मूली देवी अपने पुत्र को आईएएस बना देखना चाहती थीं। पिछले साल मूली देवी का निधन हो गया। आज महेन्द्र खड्गावत आईएएस बन गए हैं, लेकिन अब मूली देवी इस दुनिया में नहीं हैं। महेन्द्र खड़गावत अपनी माताजी के बेहद करीब रहे हैं। उनकी सेवा सुश्रुषा की और आशीर्वाद प्राप्त किया।” जब महेन्द्र खड़गावत को आईएएस में चयनित होने की खुशखबरी मिली, तो खुशी के साथ-साथ इस मौके पर अपनी माताजी के नहीं होने के अहसास से आंखें भी छलक पड़ीं।