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बीकानेर, जैन श्वेताम्बर खरतरगच्छ के आचार्यश्री जिन पीयूष सागर सूरिश्वरजी के सान्निध्य में शनिवार को ढढ्ढों के चौक के प्रवचन पंडाल यशराग में सुबह पौने आठ बजे से व्यस्कों के लिए तथा रांगड़ी चौक के सुगनजी महाराज के उपासरे में बच्चों के लिए महावीर कॉलेज फॉर बेसिक नॉलेज शिविर कर्मांं की अदालत पर विशेष व्याख्यान होगा।
श्री सुगनजी महाराज का उपासरा ट्रस्ट के मंत्री रतन लाल नाहटा, श्री जिनेश्वर युवक परिषद के संदीप मुसरफ व मंत्री मनीष नाहटा ने बताया कि शाम को जैन श्वेताम्बर खरतरगच्छ संघ के इतिहास पर बनी फिल्म ’’1080ः द लिगासी ऑफ जिनेश्वर’’ का निःशुल्क प्रदर्शन किया जाएगा। इस फिल्म में जैन श्वेताम्बर खरतरगच्छ संघ के इतिहास के साथ जिन शासन की विशिष्टताओं को प्रभावी तरीके से फिल्माया गया है। अट्ठाई की तपस्वी बालिका देशना जैन का अभिनंदन तथा कन्हैयालाल भुगड़ी व भूमि मुसरफ की तपस्या की अनुमोदना की गई। बीकानेर मूल की साध्वीश्री प्रभंजनाश्रीजी की वर्षगांठ पर अनुमोदना की गई। उनके सांसारिक भतीजे जैनम दुग्गड़ ने अपनी गुल्लक की राशि से श्रावक-श्राविकाओं की प्रभावना की।
आचार्यश्री ने प्रवचन में कहा कि भजन का मुखड़ा ’’ जैन होके पानी ने छाना’’ सुनाते हुए कहा कि जैन ही नहीं सभी मानव जीवन के लिए पानी को छानकर पीने व रात्रि भोजन त्याग करने से अनेक स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का निराकरण हो सकता है। उन्होंने धर्मचर्चा में इस विषय पर कहा कि पानी में अनेक तरह के सूक्ष्म जीव होते है जो बिना छाने पानी पीने से अनेक बीमारियों को पैदा करते है। बीकानेर शहर में पूर्व में कुओं का मीठा व शुद्ध पानी मिलता था, वर्तमान में पंजाब के हरीके बैराज से हरियाणा व राजस्थान के कुछ जिलों से होते हुए नहर का पानी बीकानेर पहुंचता है । शासन-प्रशासन स्तर पर इस जल को फिल्टर कर शहर में आपूर्ति किया जाता है लेकिन फिल्टर होने के बावजूद यह पूर्ण शुद्ध नहीं होता । इसमें काई आदि के जीव स्पष्ट नजर आते है। उन्होंने नहरी पानी को उबालकर ठंडा कर छानकर पीने की सलाह दी। बीकानेर के मुनि सम्यक रत्न सागर ने कहा कि जो संयम के विरुद्ध बोलता है उनका जैनत्व चला जाता है और मिथ्यादृष्टि आती है। देव, गुरु व धर्म तथा जिन शासन की पूर्ण सम्मानीय संयम परम्परा का विरोध, निंदा करने वाला जैन कहलाने का हकदार नहीं है। उन्होंने कहा कि साधर्मिक वात्सल्य में आर्थिक, सामाजिक व शारीरिक कारणों से श्रावक-श्राविकाएं जो जिन शासन के धर्म की पालना नहीं कर सकते उनको सक्षम श्रावक-श्राविकाएं अपने साधनों से देव, गुरु व धर्म से जोड़ें।
श्री तंदुल वैचारिक प्रकीर्णक सूत्र में स्त्री के 93 पर्यायवाची शब्द
आचार्यश्री के सानिध्य में चल रहे श्री 45 आगम तप में शनिवार को ढढ्ढा चौक की आगम वाटिका में श्री श्री तंदुल वैचारिक प्रकीर्णक की आराधना व जाप किया गया। आचार्यश्री ने धर्म चर्चा में बताया कि इस सूत्र में 586 गाथाएं है। कुछ भाग गद्य भी हैं। इससे यह ग्रंथ प्रा्रचीन होने का भी प्रमाण मिलता है। इस सूत्र में चावल की 460 करोड़ 80 लाख संख्या बताई है। चावल के लिए तंदुल शब्द है अर्थात तंदुल को चावल को लक्ष्य में रखकर वैराग्य आदि उपदेश गूंथा हुआ होने के कारण इस सूत्र का नाम भी तंदूर वैचारिक है। सूत्र में माता के गर्भ में जीवन के आगमन से लेकर जन्म लेने और शरीर के विकास संबंधी जानकारी विस्तार से दी गई है। इसमें स्त्री के स्त्री, नारी, महिला आदि कुल 93 नाम पर्यायवाची बताकर प्रत्येक की व्युत्पत्ति सहित व्याख्या की है।
जिनालय शुद्धिकरण अभियान-आचार्यश्री जिन पीयूष सागर सूरीश्वरजी के सान्निध्य में चल रहे जिनालय शुद्धिकरण, चैत्यवंदन अभियान के तहत रविवार को सुबह छह बजे से दो जिनालयों में शुद्धिकरण, पूजन व वंदन किया जाएगा। अभियान से जुड़े पवन खजांची ने बताया कि डागा की पिरोल के पास के वासुपुज्य मंदिर व महावीर स्वामी मंदिर में पूजा के वस्त्र में श्रावक-श्राविकाएं जिनालय शुद्धिकरण की सेवा करेंगे।

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