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बीकानेर, जैन श्वेताम्बर तपागच्छ संघ की साध्वीश्री सौम्यप्रभा,सौम्यदर्शना, अक्षय दर्शना व परमदर्शना के सान्निध्य में शनिवार को रात आठ बजे कोचरों के चैक में करीब ढाई घंटें का नाटक मंचित किया जाएगा। नाटक का महाभ्यास शुक्रवार को कोचरों के चैक में बनाएं गए भव्य मंच पर किया गया । नाटक का निर्देशक वरिष्ठ रंगकर्मी,रंगनिर्देशक व नर्तक डाॅ.श्रेयांस जैन कर रहे है।
साध्वीवृृंद चातुर्मास व्यवस्था समिति के संयोजक कोचर फ्रेण्डस क्लब के सदस्य जितेन्द्र कोचर ने बताया कि बीकानेर में मंचित होने वाले प्रथम नाटक में दर्शकों के लिए एल.ई.डी., विशेष रोशनी व मंच की व्यवस्था की गई है। नाटक के मुख्य आयोजक जैन श्वेताम्बर तपागच्छ संघ के अध्यक्ष रिखब चंद सिरोहिया, सह आयोजक पूनमचंद, नेमचंद बरड़िया, भंवर लाल, झंवर लाल, रिखबदास व केसरीचंद कोचर परिवार है।
साध्वीश्री सौम्य दर्शना ने बताया कि पौराणिक आगमों व जैनधर्म के ऐतिहासिक तथ्यों पर आधारित इस नाटक के कथानक को शब्दों मंें ढालने पुण्यार्जन साध्वीवृृंद के सहयोग से हुआ है। नाटक में चार दर्जन मोहल्ले के श्रावक-श्राविकाएं व युवा अभिनय व नृृत्य करेंगे। साध्वीजी ने बताया कि शताब्दियां बीत जाने के बाद भी जैन धर्म की महासती चंदनबाला का चरित्र व आदर्श प्रेरणादायक है। जैन इतिहास की 16 प्रमुख सतियों में महासती चंदनबाला अग्रिम स्थान रखती है। चंदनबाला ज्ञानवती, गुणवती एवं तपस्विनी थी। चंपा नरेश महाराज दधिवाहन और महारानी धारिणी की पुत्री वसुमति अर्थात चंदनबाला ने दीक्षा ग्रहण करने के पश्चात भगवान महावीर द्वारा परिवर्तित साध्वीसंघ की प्रथम साध्वी बनी और 36000 साध्वियों के संघ की साध्वी प्रमुख बनी।

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