
बीकानेर,राजकीय महारानी सुदर्शन कन्या महाविद्यालय बीकानेर की सुदर्शना पूर्व छात्रा समिति द्वारा महाविद्यालय में एआई टूल्स के प्रायोगिक विषयक पर तीन दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया । कार्यक्रम की अध्यक्षता महाविद्यालय सुदर्शना पूर्व छात्रा समिति की अध्यक्ष डॉ विभा बंसल ने की। प्रशिक्षण हेतु मुख्य वक्ता उरमूल सीमान्त समिति बज्जू, बीकानेर के एजुकेशन प्रोग्राम के परियोजना समन्वयक श्री भोजराज सिंह जी रहे, साथ ही उनके सहयोगी रविकांत जी भी उपस्थित रहे। कार्यक्रम का शुभारंभ वरिष्ठ संकाय सदस्य प्रोफेसर अभिलाषा आल्हा और प्रोफेसर इंदिरा गोस्वामी के साथ सुदर्शना पूर्व छात्रा समिति अध्यक्ष डॉ विभा बंसल, उपाध्यक्ष डॉ सुशीला ओझा,समिति सचिव प्रोफेसर रीना साहा ने माँ सरस्वती के समक्ष माल्यार्पण करके किया। पूर्व छात्रा समिति अध्यक्ष डॉ विभा बंसल ने कार्यशाला को उद्बोधित करते हुए कहा कि कार्यक्रम के प्रति सजगता, जागरूकता और बारीकी से विषय को समझना ही किसी कार्यशाला की सार्थकता होती है। वर्तमान में एआई हमारे जीवन के हर पहलू विज्ञान, कला, संगीत,संस्कृति,चिकित्सा आदि से जुड़ा है। एआई की समझ और जानकारी आज के जीवन की प्रासंगिकता है। इसका महत्व दिन प्रतिदिन जीवन में बढ़ता ही जा रहा है। एआई की महत्ता को समझने और जीवन में ढालने के लिए आज की कार्यशाला बहुत उपयोगी सिद्ध होने वाली है। समिति उपाध्यक्ष डॉ सुशीला ओझा ने कार्यशाला में छात्राओं की बड़ी संख्या में उपस्थिति को देखकर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा की युवा पीढ़ी नई बातें सीखने को तत्पर हैं, यह बहुत उत्साहवर्धक बात है। उन्होंने बताया कि एआई काल्पनिक नही अपितु यंत्र बुद्धि है, यह हमारी सोच और कल्पना को नयी गति देती है। एआई के दैनिक जीवन में महत्व को बताया और कहा कि हमें एआई पर आश्रित नहीं रहना चाहिए, बल्कि मानव बौद्धिकता को सर्वोपरि रखना चाहिए।प्राचार्य प्रोफेसर नवदीप सिंह बैंस ने भी जीवन में एआई के महत्व को बताते हुए विद्यार्थी जीवन में एआई प्रशिक्षण की आवश्यकता पर जोर दिया, उन्होंने कहा कॉलेज में आपको केवल कक्षाओं के लिए ही नहीं आना चाहिए, बल्कि आपके लिए आयोजित की जाने वाली विभिन्न गतिविधियों में भी भाग लेना चाहिए। यह आपको अपने सर्वांगीण विकास में मदद करेगा । इस कॉलेज ने ऐसी महिलाएँ तैयार की हैं जिन्हें राष्ट्रपति से पुरस्कार मिला है। समिति सचिव प्रोफेसर रीना साहा ने इस कार्यशाला के माध्यम से नवीन व जीवनोपयोगी ज्ञान अर्जित करने हेतु सभी छात्राओं का उत्साहवर्धन किया और छात्राओं से इस कार्यशाला से अधिकाधिक लाभ प्राप्ति की आशा व्यक्त की। मुख्य वक्ता श्री भोजराज सिंह ने श्री भोजराज सिंह ने बताया कि डिजिटल युग में महिलाओं को पुरुषों की तुलना में पीछे रखा गया था, लेकिन अब इस प्रकार की कार्यशालाओं का उद्देश्य लड़कियों को अपनी डिजिटल क्षमता बेहतर बनाने में मदद करना है। उन्होंने एआई के उपयोग, सुरक्षा और जिम्मेदारी के महत्व पर प्रकाश डाला । आधुनिकता के इस दौर में डिजिटल दुनिया से कदम से कदम मिलाकर चलने हेतु एआई की जानकारी बहुत उपयोगी सिद्ध हो रही है। एआई मानव बुद्धि की जगह नहीं ले सकता, लेकिन एआई उपकरणों का उपयोग करके यह काम को आसान बना देता है। एआई के साथ वित्तीय, चिकित्सा और व्यक्तिगत जानकारी को साझा न करने के महत्व पर भी जोर दिया गया। उन्होंने एआई टूल्स जैसे कि चैटजीपीटी पर अपने विषय से संबंधित असाइनमेंट कार्य करना, गूगल एआई स्टूडियो: सरल कोडिंग के लिए उपयोग करने हेतु, मेटा एआई, जेमिनी की मदद से सरकारी योजनाओं की जानकारी प्राप्त करके आवेदन करना, विभिन्न चीजों में अंतर पहचान कर उत्तम का चयन करना, क्विलबोट से एआई सामग्री की प्रतिशतता का पता लगाना, कैनवा एआई से पोस्टर,बैनर आदि बनाना , गामा एआई: पीपीटी निर्माण के लिए, , साइडर एआई एक्सटेंशन: यूट्यूब से नोट्स उपलब्ध करवाने के लिए, टिनमाइंड एआई: नोट्स या अन्य तथ्यों को सुनकर याद करने के लिए, वाइस लिंक ग्लोबल: एआई का उपयोग करके ईमेल बनाने के लिए, – परप्लेक्सीटी एआई: रिसर्च के लिए उपयोगी, -ट्राई नैनो बनाना: फोटो और वीडियो एडिटिंग के लिए, पिकटोरी एआई: टेक्स्ट से वीडियो बनाने के लिए , इनका उपयोग कैसे किया जाता है, यह प्रयोगात्मक रूप से समझाया गया। डिजिटल स्पेशलिस्ट रविकांत जी ने प्रयोगात्मक रूप से कार्य करने में छात्राओं को सहयोग किया। छात्राओं ने प्रशिक्षण में बढ़ चढ़ कर प्रदर्शन किया। प्रशिक्षार्थी द्वारा इस कार्यक्रम के आयोजन की प्रतिक्रिया ली गई और प्रशिक्षकों को स्मृति चिन्ह प्रदान किया गया। कार्यक्रम के अंत में, सुदर्शना पूर्व छात्रा समिति के अध्यक्ष डॉ. विभा बंसल ने सभी विद्यार्थियों, समिति के सदस्यों और प्रशिक्षकों को धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम का संचालन समिति कोषाध्यक्ष प्रोफेसर नूरजहां ने तथा रिपोर्टिंग डॉ अन्जू सांगवा ने की।कार्यक्रम में समिति सदस्य प्रोफेसर शशि बिदावत, डॉ. नीरू गुप्ता, डॉ सुमन बिश्नोई, डॉ. सीमा व्यास,डॉ रिचा मेहता, डॉ. राधा सोलंकी, डॉ शचि जोशी, सुश्री रितु गहलोत तथा संकाय सदस्य डॉ नैना टाक, डॉ सुनीता सिहाग, डॉ. वीणा पुरोहित उपस्थित रहे।