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बीकानेर। गुरुवार को सुजानदेसर स्थित रामझरोखा कैलाश धाम में हवन व कन्या पूजन के साथ कोट धूनी विसर्जन किया गया। महामंडलेश्वर महंत श्रीसरजूदासजी महाराज ने बताया कि बसंत पंचमी से प्रारंभ हुई पंच धुनी से लेकर कोट खपर तक का गंगा दशहरे पर विसर्जन किया गया। सरजूदासजी महाराज ने कहा कि जप-तप व त्याग ही ऐसे माध्यम हैं जो आपके जीवन के कर्मों को सुधारता है, गलत मार्ग पर जाने से रोकता है। सरजूदासजी महाराज ने बताया कि पूज्यश्री सियारामजी गुरु महाराज की व गुरु महाराज श्रीश्री 1008 महंत रामदासजी महाराज की कृपा से चातुर्मास की साधना की पूर्णाहुति हुई। साधना में संत बालकदासजी, संत लक्ष्मणदासजी ने शामिल रहे। इस अवसर पर कन्याओं का पूजन कर उन्हें भोजन करवाया गया।

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