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बीकानेर,पुष्करणा समाज के शैक्षिक उत्थान, युवाओं को रोजगार उपलब्ध करवाने, महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने, समाज में व्याप्त कुरीतियों को दूर करने और राजनीतिक रूप से सक्षम बनाने के इन पांच मुद्दों को लेकर पुष्करणा समाज का महाकुम्भ रविवार को एमएम ग्राउंड में आयोजित किया गया। बीकानेर में 27 साल बाद पुष्करणा महाकुंभ आयेाजित किया जा रहा है। समारोह में राजस्थान सरकार के शिक्षा मंत्री डॉ. बी.डी. कल्ला, , सचिवालय कर्मचारी नेता महेश व्यास, आनंद जोशी, रामकिशन आचार्य, अविनाश जोशी, विजय आचार्य, राजकुमार किराडू,सहित पुष्करणा समाज के लोग पुष्करणा महाकुंभ पहुंचे पुष्करणा समाज के चिकित्सक, वकील, इंजीनियर समेत अनेक लोग शामिल हुए। डॉ. कल्ला ने कहा कि समाज के शैक्षिक उत्थान, युवाओं को रोजगार उपलब्ध करवाने, महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने, समाज में व्याप्त कुरीतियों को दूर करने और राजनीतिक रूप से सक्षम बनाने के इन पांच मुद्दों पर मंथन किया गया। समाज में एकजुटता बनाए रखने की जरूरत है।

शुरूआत मे 31 पंडितों ने एकसाथ मंत्रोच्चार कर कार्यक्रम की विधिवत शुरुआत की।। ग्राउंड में आने वाले लोगों के लिए 30 हजार स्क्वायर फीट का टेंट लगाया गया। इसमें सात हजार कुर्सियां लगाने के साथ ही आगे बैठने के लिए जाजम भी बिछाई गई । शामियाना समाज के लोगो से खचाखच भरा हुआ था।
कार्यक्रम संयोजक महेश व्यास ने बताया कि इससे पहले वर्ष 1996 में महाकुम्भ आयोजित किया गया था। महाकुम्भ में देशभर से पुष्करणा समाज के लोग बीकानेर में एकत्रित हुए हैं।
महाकुंभ में चैन्नई, बेंगलूरू, भदोही, अमरावती, मुंबई, कोलकाता, चित्तौड़गढ़, जोधपुर, नागौर, जैसलमेर, फलौदी आदि स्थानों से लोग पहुंचे। बाहर से आने वालों को पुष्करणा भवन, रत्तानी व्यासों की बगीची, लोडा मोडा बगीची और किसान भवन में ठहराने की व्यवस्था की गई है। आयोजन की सफलता के लिए आवास, सुरक्षा, भोजन, वाहन, आमंत्रण, मंच व्यवस्था सहित विभिन्न कमेटियों काम कर रही हैं।
इस कार्यक्रम में समाज की 121 विभूतियों को पुष्करणा गौरव सम्मान से अलंकृत किया गया। सम्मान स्वरूप उन्हें शॉल, श्रीफल और स्मृति चिह्न प्रदान किया गया।

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