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बीकानेर,होली पर्व पर गत वर्षो की भांति प्रज्ञालय संस्थान एवं राजस्थानी युवा लेखक संघ द्वारा ‘रंग की रंगत-शब्द की संगत’ का रंगारंग आयोजन रानी बाजार स्थित ‘नरपत सदन’ में आयोजित हुआ।

कार्यक्रम में लोक गायक एवं बीकानेर की होली संस्कृति के आगीवान कलाकार मदन जैरी का ‘प्रज्ञा सम्मान’ किया गया। सम्मान में जैरी को माला, शॉल, श्रीफल, प्रतीक चिह्न आदि समारोह के अध्यक्ष कमल रंगा मुख्य अतिथि राजस्थानी अकादमी के सचिव शरद केवलिया एवं विशिष्ट अतिथि शिक्षाविद् संजय सांखला एवं कर्मचारी नेता सतीश मैनी द्वारा अर्पित किए गए।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए वरिष्ठ कवि कथाकार कमल रंगा ने कहा कि हमारे सांस्कृतिक मूल्य हमारी धरोहर है। इसे सुरक्षित रखना आज प्रासंगिक हो गया है। होली पर्व पर ऐसे आयोजनों के माध्यम से लोकगीत कविता गजल आदि की प्रस्तुति श्रोताओं को भाषा संस्कृति के कई रंगों से सराबोर कर देती है।
मदन जैरी के सम्मान में बोलते हुए कमल रंगा ने कहा कि मदन जैरी बीकानेर की आलीजा संस्कृति के संवाहक है, इसी क्रम में मुख्य अतिथि शरद केवलिया ने उन्हें बेहतरीन लोक गायक बताया। इसी तरह विशिष्ट अतिथि संजय सांखला एवं सतीश मैनी ने जैरी को सुन्दर गायक एवं प्रसिद्ध कलाकार बताया।
कार्यक्रम में झंुझनू से आए हुए प्रसिद्ध गीतकार बी.एल. सावन वरिष्ठ कवयित्री मोनिका गौड, प्रो नृसिंह बिन्नाणी, गिरिराज पारीक, विप्लव व्यास, कैलाश टाक, जुगल किशोर पुरोहित, इसरार हसन कादरी आदि ने अपनी हिन्दी, उर्दू, और राजस्थानी की रचनाओं से काव्य के कई रंग बिखेरे।
प्रारंभ में सभी का स्वागत साहित्यानुरागी एवं देहात कांग्रेस के उपाध्यक्ष नित्यानन्द पारीक ने करते हुए कहा कि ऐसे आयोजनों के माध्यम से नई पीढ़ी अपनी संस्कृति से रूबरू होती है।
कार्यक्रम का सफल संचालन कवि गिरिराज पारीक ने किया। अंत में सभी का आभार इतिहासविद् डॉ फारूक चौहान ने किया।

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