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बीकानेर संभाग के सबसे बड़े अस्पताल में कबाड़ में लाखों रुपये की मशीनें धूल फांक रही है। अस्पताल में लोगो को राहत देने के लिए भामाशाह की और से लगातार प्रयास किये जाते है लेकिन अस्पताल प्रसासन की अनदेखी के कारण लाखो रुपये की मशीने कबाड़ में कचरा होती नजर आ रही है। छोटी सी खराबी के बाद इन मसिनो को कबाड़ में डाल दिया जाता है और फिर कम दामो पर इनकी नीलामी कर दी जाती है।

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बीकानेर के पीबीएम अस्पताल के हाल बेहाल चुके हैं। अस्पताल में अव्यवस्थाओं का दौर बीते कई सालों से जारी है। सरकार , दानदाताओं द्वारा अस्पताल में लगाई गई मशीनें कबाड़ हो चुकी हैं। इसके बावजूद पीबीएम अस्पताल प्रशासन इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा है। आलम यह है कि अस्पताल परिसर से इन मशीनों के पार्ट लोग उठाकर ले जा रहे हैं। यहीं नहीं अस्पताल के कबाड़ गृह मैं रखी लाखो रूपए की मशीनें अपनी दुर्दशा पर आंसू बहा रही हैं।

इन मशीनों के कई पार्ट चोरी हो गए हैं। हालांकि अधिकारियों की मानें तो इस बीच मशीन को सुधराने का प्रयास किया गया। वही पीबीएम अधीक्षक डॉक्टर परमिंदर सिरोही के अनुसार इन खराब मशीनों की रखरखाव के लिए लिए अस्पताल प्रशासन ने दो बायोमेडिकल इंजीनियर रखे हुए हैं। ये इंजीनियर विभागों में खराब पड़ी हुई मशीनों ठीक करने का प्रयास करता है। इसके बावजूद भी अगर मशीन सही नहीं होती है तो हम उस कंपनी से संपर्क करते हैं जिससे हमने यह मशीनें ली हुई हैं बहरहाल इतने सालो से कबाड़ मैं पड़ी ये लाखो रूपए की मशीने अस्पताल प्रशासन की पोल खोल रही हैं।

बहरहाल सोचने वाली बात है कि आखिर क्यों अस्पताल प्रशासन इतनी महंगी मशीनों को बिना ठीक कराये कबाड़ में डाल देता है। लाखो के कबाड़ में दानदाताओं की और से मरीजो के लिए दिए कूलर भी शामिल है। जबकि इन कूलर में छोटी सी खराबी के बाद इनको कबाड़ समझ लिया जाता है। अस्पताल की अनदेखी के कारण पीबीएम अस्पताल में ऐसे कबाड़ का ढेर लग गया है। और इनकी और कोई सुध लेने वाला नही है।

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