बीकानेर,मांड कोकिला पदमश्री अल्लाह जिलाई बाई को भावभीनी स्वरांजली के साथ दो दिवसीय मांड समारोह गुरुवार की शाम टाउन हॉल में संपन्न हुआ । केंद्रीय संगीत नाटक अकादमी, नई दिल्ली तथा राजस्थान संगीत नाटक अकादमी, जोधपुर के सहयोग से आयोजित कार्यक्रम में संगीत प्रेमियों ने मांड के सुमधुर गीतों का आनंद उठाया । मांड समारोह में स्व0 अल्लाह जिलाई बाई के प्रिय गीत “केसरिया बालम आओ नी पधारो म्हारे देस” की धूम रही ।
अल्लाह जिलाई बाई मांड गायकी प्रशिक्षण संस्थान के प्रबंध निदेशक डॉ0 अज़ीज़ अहमद सुलेमानी ने मांड के स्वरों को विश्वव्यापी बनाने का संकल्प जताया । डॉ0 सुलेमानी ने देश विदेश के संगीत प्रेमियों से मांड को जन जन तक पहुंचाने का आह्वान किया । संयोजक लेखक अशफ़ाक़ क़ादरी ने मांड समारोह की 30 वर्ष की संगीत यात्रा और उपलब्धियों को साझा किया । उन्होंने मांड समारोह के प्रेम और सद्भाव का संदेश जन जन में पहुंचाने का आव्हान किया । कार्यक्रम में विशिष्ठ अतिथि कवि कथाकार राजेंद्र जोशी ने कहा कि मांड रेगिस्तान की धरती केi जन जन की आवाज़ है । कार्यक्रम में विशिष्ठ अतिथि उपनिवेशन आयुक्त कन्हैलाल सोनगरा, वित्तीय सलाहकार मीना सोनगरा, फिल्मकार मंज़ूर अली चंदवानी ने भी श्रद्धांजलि दी ।
कार्यक्रम मे उस्ताद रफीक सागर, राजकुमारी मारू, पुखराज शर्मा, हशमुद्दीन, प.नारायण रंगा,अहमद बशीर सिसोदिया, समंदर खान को मांड रत्न सम्मान से सम्मानित किया। कार्यक्रम में बाड़मेर के समंदर खान एण्ड पार्टी ने अपने चिर परिचित अंदाज़ में “केसरिया बालम” और “गोरबन्द”,पंखियो” लोकगीत प्रस्तुत कर खिराजे अक़ीदत पेश की । कार्यक्रम में युवा मांड गायक पुखराज शर्मा ने मांड के विविध रूप पेश किए ।बीकानेर के वरिष्ठ गायक रफीक सागर, हशमुद्दीन, चंद्रशेखर सांवरिया गौरीशंकर सोनी,चेतन्य सहल, यश पुरोहित, राघव स्वामी, हरिकिशन सोनी, महेश शर्मा, मानसी तिवारी, मधु तिवारी ने मांड की सुमधुर रचनाएँ सुनाई । कार्यक्रम में नई दिल्ली से डॉ. नीलकंठ गोस्वामी ने बांसुरी पर मांड गायकी,श्री डूंगरगढ़ के सांवरमल कथक ने “नैना रा लोभी, भावना कथक ने “मूमल” ऑनलाइन प्रस्तुत किया । कार्यक्रम में कलाकारों नेअलग अलग अंदाज में “केसरिया बालम” सुनाकर स्वरांजलि दी । कार्यक्रम में हरमोनियम पर पुखराज शर्मा, तबला संगत उस्ताद गुलाम हुसैन, मदन स्वामी ने की ।