बीकानेर,पशुओं में फैल रहे लम्पी स्किन डिजीज के उपचार एवं रोकथाम के लिए जिले में 4 अतिरिक्त पशु चिकित्सा अधिकारी एवं 12 पशुधन सहायक आगामी आदेशों तक नियुक्त किए गए हैं।
जिला कलक्टर भगवती प्रसाद कलाल ने बताया कि सीकर जिला औषधि भंडार से एनरोफ्लाक्सासिन 50 एमएल के 1 हजार 500 वाॅयल, आइवरमेक्टिन 10 एमएल के 500 वाॅयल, मेलोक्सिकेम 15 एमएल के 200 वाॅयल तथा क्लॉरफेनरेमिन 30 एमएल के 500 वाॅयल संयुक्त निदेशक कार्यालय बीकानेर को उपलब्ध करवाए जा चुके हैं। इसके अतिरिक्त संयुक्त निदेशक कार्यालय में 4 अतिरिक्त वाहन आरटीपीपी नियमों के अनुसार एक माह के लिए किराए पर लेने की स्वीकृति जारी की गई है।
जिला कलक्टर ने बताया कि जिले के समस्त उपखण्ड अधिकारियों, विकास अधिकारियों और तहसीलदारों को ग्रामीण क्षेत्रों में लम्पी स्किन डिजीज के निदान एवं प्रसार को रोकने के लिए जागरुकता सभाएं आयोजित करने के निर्देश दिए हैं। इस श्रृंखला में बुधवार को पुकार अभियान के तहत गांव-गांव आयोजित बैठकों में इन अधिकारियों ने भाग लिया तथा लम्पी स्किन डिजीज के लक्षण, दुष्परिणाम और बचाव के बारे में जागरुक किया।
*पशु सखियां गांव-गांव करेंगी जागरुक*
राजस्थान ग्रामीण आजीविका विकास परिषद की पशु सखियों (महिला पशुपालक) का लम्पी स्किन डिजीज से संबंधित ब्लाॅक स्तरीय प्रशिक्षण बुधवार को शुरू हुआ। पहले दिन कोलायत और नोखा की पशु सखियों को पशुपालन विभाग के अधिकारियों द्वारा लम्पी स्किन डिजीज के लक्षण, दुष्प्रभाव और बचाव से संबंधित प्रशिक्षण दिया गया। इस श्रृंखला में 4 अगस्त को श्रीडूंगरगढ़, पूगल, पांचू और बीकानेर तथा 5 अगस्त को खाजूवाला, लूणकरनसर और बज्जू में यह कार्यशालाएं आयोजित होंगी। इन प्रशिक्षित पशु सखियों द्वारा गांव-गांव पहुंचकर पशुपालकों को जागरुक किया जाएगा।
*नियंत्रण कक्ष स्थापित*
जिला कलक्टर के निर्देश पर जिला, पंचायत समिति और तहसील स्तर पर नियंत्रण कक्ष स्थापित किए गए हैं। जिला कलक्टर कार्यालय के नियंत्रण कक्ष के दूरभाष नंबर 0151-2226031, जिला स्तरीय एलएसडी नियंत्रण कक्ष 0151-2226601 हैं। पशुपालन विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ. वीरेंद्र नेत्रा को जिला स्तरीय नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है। सभी नियंत्रण कक्ष नियमित कार्यरत होंगे। प्रभावित क्षेत्रों के सर्वेक्षण और उपचार के लिए ब्लॉक स्तरीय रैपिड रिस्पॉन्स टीमें गठित की गई हैं। सभी संस्था प्रभारियों को अपने क्षेत्र की गोशालाओं का नियमित निरीक्षण करने के निर्देश दिए गए हैं। इसी प्रकार उपखण्ड क्षेत्रों में संबंधित उपखंड अधिकारी को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है।
*प्रभावित क्षेत्रों में होगी यह कार्यवाही*
लंपी स्किन डिजीज क्षेत्रों में रोगग्रसित पशुओं को आइसोलेट किया जाकर उनका अलग से उपचार करना, क्षेत्र में स्थित गौशालाओं और पशुओं के आश्रय स्थलों का निरीक्षण करवाकर रोग पाए जाने की स्थिति में उनको मक्खियों और मच्छरों से बचाव हेतु छिड़काव करवाना होगा।