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बीकानेर,गोवंंश के लिये काल बना लंपी स्किन डिजीज वायरल अभी बेकाबू होकर कहर बरपा रही है। बीकानेर में शहर से लेकर गांव ढाणियों तक फैल चुके इस वायरस के कारण गोवंश की मौतों का आंकडा तेजी से बढ़ रहा है। इससे पशु पालकों की नीदें उड़ी हुई है। लोग अपने गोधन को बचाने के लिये तरह तरह के जतन कर रहे है लेकिन उनकी पार नहीं पड़ रही है। एक अनुमान के मुताबिक जिले में महज तीन दिन के अंतराल में लंपी स्किन डिजीज की शिकार डेढ हजार गोवंश की मौत हो चुकी है और यह आंकड़ा अब ज्यादा तेजी से बढ़ रहा है। लम्पी बीमारी को लेकर पशुपालन विभाग काफी देर से चेता है। इसके कारण यह बीमारी शहर से लेकर गांव ढाणी तक तक पहुंच गई और गोशालाओं का गोवंश भी प्रभावित हुआ है। जहां पर पशुओं के बड़े समूह के कारण वायरस का एक से दूसरे पशु में संक्रमण की आशंका अधिक रहती है। इसके कारण गोशालाओं में पशु बीमार भी हो रहे है। वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में जहां पर टीमें पहुंच रही है, वहां लम्पी से ग्रस्त पशु सामने आए हैं। जिले में जो गोवंश स्वस्थ है, उनके मालिकों की चिंता बढ़ती जा रही है। पशुपालकों का कहना है कि ऐसी कोई दवा दी जाए कि स्वस्थ पशु वायरस की चपेट में नहीं आए। पशुपालक अब बाड़े में पशुओं की बेहतर देखभाल भी करने लगे है। वहीं पशु चिकित्सकों की सलाह है कि बाड़े में साफ-सफाई रखे और मच्छरों को नहीं पनपने दें। जिससे काफी हद तक स्वस्थ पशु को लम्पी बीमारी से बचाया जा सकेगा। इस बीच जिला कलक्टर भगवती प्रसाद कलाल ने शनिवार को लगातार दूसरे दिन जिले की गौशालाओ का निरीक्षण किया। जिला कलक्टर रासीसर की बांके बिहारी गौशाला और नोखा गांव की गंगा गौशाला पहुंचे तथा दोनों गौशालाओं में लम्पी स्किन से रोगग्रस्त गायों की स्थिति एवं इनके लिए बनाए गए आइसोलेशन सेंटर देखे। इस स्थान को साफ-सुथरा बनाए रखने के निर्देश दिए। उन्होंने दवाइयों की उपलब्धता तथा रिकवरी की स्थिति जानी। जिला कलक्टर ने कहा कि बचाव ही इस रोग का उपचार है। इसके मद्देनजर पूर्ण सावधानी रखी जाए। उन्होंने बताया कि जिला प्रशासन द्वारा प्रत्येक स्थिति पर पूरी नजर रखी जा रही है। वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों को सतत रूप से फील्ड में भेजा जा रहा है। राजीविका की पशु सखियों और कृषि विभाग के सुपरवाइजर तथा सहायक कृषि अधिकारी गांव गांव रोग और उपचार की जानकारी दे रहे हैं। इस दौरान पशुपालन विभाग के डॉ. मनीष दिनोदिया और डॉ. जरनैल सिंह साथ रहे।
-हर रोज देनी होगी रिपोर्ट
जिला कलक्टर ने बताया कि जिले के समस्त उपखण्ड अधिकारियों को लम्पी स्किन रोग से संबंधित सूचनाओं की दैनिक जानकारी उपलब्ध करवानी होगी। इसके लिए दो प्रफॉर्मा बनाए गए हैं। पहले में उपखण्ड का नाम, राजस्व गांवों की संख्या, लम्पी स्किन से संबंधी सर्वे पूर्ण होने वाले गांवों की संख्या, प्रभावित राजस्व गांव तथा उपचार प्रारम्भ गांवों की संख्या की जानकारी देनी होगी। वही दूसरे प्रारूप में क्रियाशील व अक्रियाशील पशु चिकित्सालयों की संख्या तथा इनमें दवाओं की उपलब्धता की सूचना देनी होगी।

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