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बीकानेर,एक रेस्टोरेंट में आग लगने से दो युवा जलने से अकाल मृत्यु के शिकार हो गए है हालात यह थे कि वे कंकाल हो गए थे यह कितना दर्दनाक मंजर है परिजनों के लिए की अपने प्यारों को वे किस तरह समेट कर घरों को गए होंगें, सोचकर ही रूह कांप जाती है।
सोशल एक्टिविस्ट डूंगरसिंह तेहनदेसर ने आगजनी के घटनाक्रम पर रसद विभाग की भूमिका एवं मोनिटरिंग पर सवालिया निशान लगाते हुए विभाग को धृतराष्ट्र की संज्ञा दी है।
जिस रेस्टोरेंट में भीषण आग लगी वहां करीब 50 गेस सिलेण्डर बताए जा रहे है जिनमें से चार आग लगने से फट भी गए थे बाकी को पुलिस प्रशासन के बहादुर नोजवानों ने बाहर निकाला था।
डूंगरसिंह तेहनदेसर ने बताया कि पूरा बीकानेर गैस सिलेण्डरों की ढ़ेर पर है अब ऐसा प्रतीत होने लगा है,
एक एक रेस्टोरेंट में 50 से 100 गैस सिलेण्डर है, कोई सुरक्षा उपकरण नहीं है, रसोई एरिया में वेंटिलेशन ही नहीं है, कई रेस्टोरेंट के पास फूड लाइसेंस तक नही है, कई घरेलू जगहों पर भी रेस्टोरेंट चल रहे है मतलब कॉमर्शियल जगह नहीं है,

भीड़ भाड़ वाले इलाकों में रेस्टोरेंट की तादाद ज्यादा है।
रसद विभाग के अधिकारियों द्वारा प्रॉपर मोनिटरिंग नहीं कि जाती है स्थानीय स्तर पर यकीनन बडी तादाद में भृष्टाचार है तभी कितनी भी बड़ी घटना हो रेस्टोरेंट मालिकों पर कोई विभागीय कार्यवाही नहीं होती।
डूंगरसिंह तेहनदेसर ने कहा कि रेस्टोरेंट में आगजनी में जलकर अकाल मृत्यु को प्राप्त हुए दो निर्दोष युवाओं की मौत से जिला प्रशासन को सबक लेना चाहिए ताकि इस प्रकार की या कोई बड़ी जनहानि बीकानेर में ना हो।

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