बीकानेर,छत्तरगढ़ आबकारी विभाग के अनुज्ञापत्र धारी दुकाने निर्धारिट रेट से ज्यादा कीमतों में शराब बेच रहे हैं लेकिन रोकथाम व कार्रवाई करने के जिम्मेदारों की अनदेखी या मेहरबानी शराब खरीदने वालों की जेब जरूरत से ज्यादा खाली हो रही है। शराब दुकान संचालक विभागीय नियम कायदों को धत्ता बता रहे हैं और नियमों की पालना कराने वालों की उदासीनता से के चलते शराब के खरीददार लुट रहे हैं। खास बात यह है कि खरीदार भी यह जानने के बावजूद अधिक कीमत वसूली की शिकायत करने को आगे नहीं आ रहे है। गांवों में यह ज्यादा कीमत की वसूली कुछ ज्यादा हो रही है क्योंकि जब शहरी दुकानों की सख्ती से जांच पड़ताल जिम्मेदारों की ओर से नहीं हो पाती है। इन क्षेत्रों की शराब दुकानों को जाकर देखा तब एक भी शराब दुकान पर मूल्य सूची अंकित नहीं मिली और न ही मूल्य सूची का बोर्ड टंगा मिला। इससे साफ अंदाजा लगाया जा सकता है
कि पियक्कड़ों की जेब किस तरह काटी जा रही है। गनोड़ा तिराहे पर स्थित शराब दुकान से एक व्यक्ति ने प्रतिनिधि के सामने ही शराब खरीदी जिस पर 85 रुपए अंकित थी लेकिन दुकान संचालक ने 110 रुपए ने वसूले। खरीदने वाले ने आपत्ति भी की लेकिन अनसुना कर दिया। इसी प्रकार खारवाली, छत्तरगढ़, आवा व आरडी 507 की दुकान पर नाम न छापने की शर्त पर वहीं खड़े व्यक्तियों ने बताया कि किसी पव्वे के 25 और किसी के 20 रुपए प्रिंट रेट से अधिक वसूले जा रहे हैं। यह व्यक्ति इस गांव का नहीं था। इसलिए उसने यह भी बताया कि आरडी 465 से खरीदी शराब के 30 से 40 रुपए प्रिंट रेट से ज्यादा लिए गए।
इनका कहना है
छत्तरगढ़ क्षेत्र में शराब • दुकानदारों की क्षेत्र के ग्राहकों द्वारा शिकायतें मिली हैं। इस बारे में आबकारी विभाग अधिकारियों को सूचित किया जाएगा। जरूरत पड़ने पर मिलकर कार्रवाई की जाएगी।
जयकुमार भादू एसएचओ छत्तरगढ़