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बीकानेर,शराब पीना सेहत के लिए हानिकारक होता है।लेकिन राजस्थान के शाही इतिहास पर नजर डालें तो पता चलता है कि यहां की शराब की देश-विदेश में काफी मांग है।राजस्थान में शाही परिवारों के साथ-साथ यहां की शाही शराब की भी अपनी एक अलग पहचान है। आज हम बता रहे हैं महंसर की हेरिटेज वाइन के बारे में, जिसकी शराब प्रेमियों के बीच अलग ही डिमांड है।

महेंद्र सिंह परिवार की देन है हेरिटेज वाइन

महेंद्र सिंह परिवार के सदस्य दयाल सिंह शेखावत ने बताया कि हेरिटेज वाइन उनके ही परिवार की ओर से एक उपहार है।उन्होंने बताया कि दादू सा अपने पिता चंदन सिंह के साथ किसी अनबन के कारण गांव छोड़कर चला गया था। रास्ते में उसकी भेंट एक महात्मा से हुई। महात्मा ही थे जिन्होंने करणी सिंह को कुछ आयुर्वेदिक औषधियों से आसव बनाने की विधियाँ बताई थीं। इसके बाद करणी सिंह ने अन्य ऋषियों से बातचीत कर कुछ प्रयोग किए और बाद में तरह-तरह की शराब बनाने लगे।50 प्रकार की शराब बनाने के लिए करणी सिंह ने आविष्कार किया फार्मूला

दयाल सिंह ने बताया कि उनके परिवार के पास आज भी करीब 50 तरह की शराब बनाने की विधि है।कुमार्यासव शराब बहुत शाही होती है। कुमार्यासव को ग्वारपाठा (एलोवेरा) के नाम से भी जाना जाता है। इस शराब को बनाने के लिए करीब 100 तरह की दवाओं को शराब में भिगोकर करीब छह महीने तक रखा जाता है। फिर एलोवेरा का उपयोग करके शराब को डिस्टिल्ड किया जाता है। आसुत होने के बाद उस शराब में दो-चार दिन तक बंडल के रूप में लगभग 50 प्रकार की दवाएं रखी जाती हैं।100ML से 30L शराब तैयार की जा सकती है

दयाल सिंह ने बताया कि कनकसव शराब वास्तव में बहुत शक्तिशाली है। भले ही यह बहुत कम मात्रा में हो, लेकिन इसमें पानी मिलाकर अधिक से अधिक लोगों को परोसी जाने वाली शराब है।उन्होंने बताया कि अगर कनकशव शराब 100 मिली है तो उसे पानी में मिलाकर करीब 20 से 30 लीटर शराब तैयार की जा सकती है गंगानगर चीनी मिल के साथ करणी सिंह के परिवार का सौदा आपको बता दें कि वसुंधरा राजे सिंधिया की सरकार के दौरान करणी सिंह के परिवार का गंगानगर चीनी मिल से अनुबंध था।दयाल सिंह ने बताया कि अब उनका परिवार शराब नहीं बना सकता क्योंकि यह कानून के खिलाफ है।

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