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बीकानेर,जिले में शराब दुकाने घट गई है। यह पहली बार है जब जिले में निर्धारित 226 दुकानें होने के बावजूद एक अप्रेल नए सत्र से केवल 108 दुकानों पर ही शराब बिकेगी। 118 दुकानों का ठेकेदारों ने नवीनीकरण नहीं कराया है, जिस कारण 118 दुकानें बंद रहेगी।

सरकार की ओर से बीकानेर जिले के लिए 226 दुकानें निर्धारित कर रखी है। सरकार की नई आबकारी नीति ने शराब कारोबारियो का मोहभंग कर दिया है। शराब कारोबारी इसे घाटे का सौदा बता कर दुकानें लेने मे रुचि नहीं ले रहे है। यही वजह है कि इस बार 140 ठेकेदारों ने शराब दुकानों का नवीनीकरण नहीं कराया। ऐसे में सरकार को नवीनीकरण नहीं होने वाली दुकानों की नीलामी करनी पड़ी। नीलामी में भी 140 में से केवल 22 दुकानों की नीलामी हो सकी है।
अब तक 220 करोड़ का नुकसान
आबकारी विभाग को शराब दुकानो से 361 करोड़ का राजस्व मिलना था लेकिन इस बार केवल 108 दुकानें आबंटित होने से महज 141 करोड़ का ही राजस्व मिल सका है। आबकारी विभाग दो चरणों की नीलामी कर चुका है। जिला आबकारी अधिकारी भवानीसिंह ने बताया कि दुकानों की नीलामी के पहले चरण के तहत 42 दुकानों में से केवल आठ दुकानें ही बोली में छूटी। 23 और 24 मार्च को 42-42 दुकानों और 25 मार्च को 14 दुकानों की नीलामी हुई। नीलामी प्रक्रिया पूरी होने के बावजूद 118 दुकानें नीलाम नहीं हो सकी है। 108 दुकानों से 141 करोड़ का राजस्व मिला है।

जिला आबकारी अधिकारी डॉ. राठौड़ ने बताया कि ई नीलामी प्रक्रिया पूरी होने के बाद भी 118 दुकानें आबंटित नहीं हो सकी है। ऐसे में अब इन दुकानों के संबंध में राज्य सरकार से मार्गदर्शन मांगा गया है।

ठेकेदार सरकार की नई आबकारी नीति से परेशान हो गए है। नई नीति के कारण शराब ठेकेदार कर्जदार हो गए। रही सही कसर कोरोना ने पूरी कर दी। एक शराब कारोबारी का कहना है कि नई नीति और कोरोना से बहुत घाटा हुआ है। ऐसे में दुकान लेना घाटे का सौदा है।

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