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बीकानेर,दो बार भारत के राष्ट्रपति द्वारा प्रेसिडेंट स्काउट एवम प्रेसिडेंट रोवर एवम भारत सरकार के राष्ट्रीय युवा पुरस्कार एवम राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा पुरस्कार से सम्मानित जयपुर के सामाजिक कार्यकर्ता ने बताया की राजस्थान के विभिन जिलों के टुरिस्ट गाइड्स ट्वीटर के माध्यम से राज्य सरकार एवम पर्यटन विभाग एवम माननीय मुख्यमंत्री को अपनी मांगों के संबंध में शुरुआत करेंगे । आगे रवि शंकर धाभाई ने बताया की मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को मेल एवम ट्विटर के माध्यम से राज्य सरकार द्वारा नए 6000 एवम पुराने गाइड्स जोकि राजस्थान में लाइसेंस्ड टूरिस्ट गाइड्स की विभिन्न मांगो के बारे में मांग पत्र भेजकर टूरिस्ट गाइड्स की समस्याओं के समाधान हेतु व्यक्तिगत मुलाकात का समय मांगा है जिससे के माननीय मुख्यमंत्री को टूरिस्ट गाइड्स को हो रहीं परेशानियों से अवगत करवाया जा सके।

समाजसेवी रवि शंकर धाभाई राजस्थान के सभी पर्यटन स्थलों पर विदेशी मेहमानों का मार्गदर्शन करने वाले और राजस्थान सरकार द्वारा अप्रूव्ड गाइडस जो एक राजदूत की भांति अपना फर्ज निभाते हैं जिनको राज्य सरकार की तरफ से एक पैसा भी मिलता है l जिस प्रकार सरकारी कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति आयु 60 वर्ष की होती है ठीक उसी प्रकार से टूरिस्ट गाइड की कार्य क्षमता के अनुसार 60 वर्ष के बाद सरकार द्वारा पेंशन शुरू किया जाना चाहिए जिससे कि वह अपने परिवार जनों का लालन-पालन ठीक प्रकार से किया कर सके क्योंकि ऑफ़ सीजन में और में कुछ आर्थिक सहायता का प्रावधान भी किया जाना चाहिए। पुराने गाइड्स की संख्या के अलावा गक्त वर्ष में नए 6000 गाइड्स और बना दिए गए है जिनसे 100 रुपये का शपद पत्र लिया गया है कि वो कही भी नोकरी नही कर रहे है । जब कि पर्यटकों की संख्या कम है और कंपीटिशन ज्यादा है । वह विरासत जिनके कारण देश की जीडीपी मे लगभग 12℅ का इज़ाफा होता हे, सक्ष्म टूरिस्ट गाइड के अस्तित्व को राज्य सरकार एवम केंद्र नही नकार सकती है , जब की सभी मोनुमेंट का सरकार विज्ञापन करती हे, महंगे महंगे अभिनेताओं एवम सेलेब्रिटीज़ को आमंत्रित करके पर्यटन स्थलो को प्रचारित करवाया जाता हे, तो, सिर्फ हर बार टूरिस्ट गाइड के अस्तित्व पर आज तक किसी ने भी ना तो ध्यान दिया ना ही इनके महत्व को किसी को बताया ।
टूरिस्ट गाइड्स का भी प्रचार प्रसार होना चाहिए, विज्ञापन के माध्यम से ही सही, ताकि दुनियां टूरिस्ट गाड़ड़ के अस्तित्व को समझे, पर्यटन गाइडस को स्थाई करने की मांग है इसलिए
राज्य सरकार इस महत्वपूर्ण मुद्दे एवम मामले में समय रहते ही संज्ञान लेकर गाइड्स के साथ न्याय करे जिससे इन्हें अपनी मांगे मनवाने के लिए धरना प्रदर्शन नही करना पड़े।

समाज सेवी रवि शंकर धाभाई ने अपने मांग पत्र में पर्यटकों को हो रही परेशानी का ज़िक्र पत्र में निवेदन है कि राजस्थान में आय का साधन विदेशी एवम देशी पर्यटकों की प्रदेश में आवागमन से होता है और उनका काफी योगदान प्रदेश के विकास में है । पत्र में बताया कि राजस्थान सरकार संस्कृति एवम पर्यटन विभाग द्वारा हाल ही में आमेर का प्रवेश शुल्क 2 रुपये बढ़ाया गया है यह सरासर विदेश एवम देश के कोने कोने से आने वाले पर्यटकों के लिए गलत एवम अन्याय है क्योंकि आज वर्तमान समय मे किसी भी व्यक्ति या पर्यटकों के पास खुले रुपये 2 नही होते है और आए दिन उनको आमेर की टिकट नकद में खरीदने में काफी तकलीफ और समस्या का सामना करना पड़ रहा है । इसलिए इस प्रकार के आदेश को तुरंत प्रभाव से वापिस करावे और पूर्व की भांति टिकट राशि शुल्क राशि पर्यटकों से मोनुमेंट की प्रवेश शुल्क राशि ली जाए। अतः आपसे सानुरोध है कि इस सम्बद मे संबंधित अधिकारियों को दिशा निर्देश देकर आदेश की प्रतिलिपि मुझे मार्क करवाए।

समाज सेवी रवि शंकर धाभाई ने अपने पत्र में उल्लेख किया कि कि इन दिनों राजस्थान राज्य में टूरिस्ट गाइड द्वारा किए जा रहे विभिन्न जिलों में धरना प्रदर्शन एवम ज्ञापन को मध्यनजर एवम उनको आजीविका संबंधित हो रही समस्याओं एवम परेशानियों को देखते हुए मै निम्लिखित सुझावों के माध्यम से राज्य एवम केंद्र सरकार का ध्यान दिलाना चाहता हूं। क्योकि टूरिस्ट गाइड पर्यटन क्षेत्र की रीढ़ की हड्डी है जिसके बिना पर्यटन नही चल सकता है और वो रोजाना मेहनत करके अपना और अपने परिवजनो का जीवन यापन करता है । पर्यटन क्षेत्र से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से देश के 5 करोड़ लोगों को रोजगार मिलता है । आज तक भी किसी भी राज्य ने इनको सरकारी सेवा में लेने या इनकी सेवाओं का सरकारी नियमित करने की पहल नही की है और यदि इस प्रकार की पहल या मुहिम की जाती है तो यह एक ऐतिहासिक एवम सहरानीय फैसला होगा। भारत की अर्थव्यवस्था में पर्यटन का महत्व पिछले कुछ वर्षो से तेजी से बढ़ा है और आने वाले दशक में इसके और भी अधिक तक पहुंचने की उम्मीद है । देश -दुनियाभर से आने वाले पर्यटकों के मार्गदर्शन, पर्यटकों के साथ अच्छा व्यवहार, स्थानीय पर्यटन क्षेत्रो से जुड़े सांस्कृतिक, पौराणिक एवम ऐतिहासिक विशेषता की जानकारी के लिए टूरिस्ट गाइड्स का महत्वपूर्ण योगदान है ।

मांग पत्र में रवि शंकर धाभाई ने बताया कि यह कि बजट 2021-2022 में 6000 पर्यटन गाइड भर्ती पूर्ण हो गई है, लेकिन इसके अन्तर्गत लाइसेंस्ड गाइड 4 -6 महिने ही रोजगार कर पाते है बाकि 6-8 महिने गाइडो के पास कोई रोजगार नही रहता है जबकि सरकार द्वारा इनसे शपथ पत्र /एफिडेविट लिया गया है और उसमे लिखवाया गया है कि हम अन्य कोई भी सरकारी अथवा गैर सरकारी संस्था मे कार्य नही कर सकते है। यह कि कोरोना महामारी समयावधि मे सभी सरकारी एवं गैर सरकारी कर्मचारीयो को वेतन दिया गया था परन्तु गाइडो को विभाग द्वारा किसी भी प्रकार का कोई वेतन नही दिया गया था. सभी गाइडो को खुद स्वयं को ही अपने परिवार का भरण-पोषण करना पड़ा था, ऐसे मे गाइडो का किसी भी प्रकार से कोई भी जिम्मेदारी किसी ने नहीं ली। यह कि ऐसे मे कई जिले है जिसमे पर्यटक ना के बराबर आते है और वहां के गाइड अपना समय देने के उपरान्त भी आजीविका को चलाने में गहरी चिन्ता मे है, बल्कि हमारी भर्ती प्रक्रिया एक सरकारी भर्ती प्रक्रिया के तहत ऑनलाईन आवेदन मांगे गये फिर उसके बाद परीक्षा आयोजित की गई फिर उसके बाद पुलिस सत्यापन करवाया गया और विभाग द्वारा उनकी ट्रेनिंग करवाई गई । इन सबके बावजूद भी टूरिस्ट गाइड्स आज दिन तक बेरोजगार है, क्योकि सरकार के द्वारा टूरिस्ट्स गाइड्स इसमे कोई वेतन भत्ते, ना ही कोई सरकारी सुविधा मिल पा रही है। यह कि सभी टूरिस्ट गाइड्स राज्य सरकार से यह मांग करते है कि राजस्थान पर्यटन विभाग द्वारा चयनित सभी स्टेट एवं लोकल लेवल के गाइडो को कार्मिक विभाग में जोड़कर स्थाई नियुक्ति दी जाये। यह कि सभी नये एवम पुराने समस्त लाइसेंस्ड टूरिस्ट गाइड सरकार से यह मांग करते है कि स्टेट लेवल गाईड एवम लोकल लेवल गाईड को ग्रेड-पे मे शामिल किया जावे, आप की जानकारी में लाना चाहता हु की टूर ऑपरेटर्स एवम ट्रेवल कंपिनयों द्वारा भी टूरिस्ट गाइड्स को ऑन रोल नही रखा जाता है मांग एवम जरूरत के हिसाब के अनुसार सिर्फ हमारी सेवाए एडहॉक बेसिस पर उनके द्वारा ली जाती है । अतः पर्यटको से मिलने वाली फीस को पर्यटक टिकट लेते वक्त गाईड की फीस को सरकारी खाते मे टिकट के साथ ही जमा करवायी जाये, इससे सरकार का रेवेन्यू बढेगा तथा पर्यटक स्थलो पर गैर कानूनी रूप पर्यटन के क्षेत्र में लपको की समस्या से निजात मिल सकेगी।

सभी टूरिस्ट गाइड्स ने मांग की है यह कि सरकार द्वारा सभी गाइडो को निःशुल्क परिवहन सेवा दी जाये तथा सरकार
द्वारा गाइडो के लिये आर. जी. एच. एस. एवम अन्य सरकारी सुविधा उपलब्ध करवाई जाये ।

गाइड से सीधे संपर्क कर सके पर्यटक इस प्रकार की सुविधाएं सरकार द्वारा की जानी चाहिए। पर्यटन विभाग को अपनी वेबसाइट पर दक्ष टूरिस्ट गाइड्स की पूरी जानकारी अपलोड की जानी चाहिए जिसमे गाइड का नाम, क्षेत्र और मोबाइल नंबर दिया जाए जिससे देश और दुनियाभर से आने वाले पर्यटक सीधे टूरिस्ट गाइड्स से संपर्क कर सकते है ।

टूरिस्ट गाइड्स की रेट शुल्क में वृद्धि की जाए। टूरिस्ट गाइड्स की एकता की कमी के कारण आए दिन कई ट्रैवेल एजेंसियां द्वारा इनकी सेवाओं के लिए इनके रेट शुल्कों में बारगेन किया जाता है ।

स्थानीय स्तर गाइड ग्रीन कार्ड होल्डर्स जो कम से कम 15 वर्ष का टूरिस्ट गाइड अनुभव रखते है उन्हें रिफ्रेशर कोर्स करवाकर उन्हें राज्य स्तरीय गाइड लाइसेंस्ड येलो कार्ड अपग्रेड करें राज्य सरकार द्वारा अनुमोदित राजस्थान पर्यटन व्यवसाय नियमों में आवश्यक संशोधन करने बाबत जिससे कि उनका अनुभव देशी एवम विदेशी पर्यटकों को पूरे राजस्थान के जिलों में मिल सकें।

राज्य सरकार के लाइसेंस्ड टूरिस्ट गाइड के लाइसेंस की नवीनीकरण रिन्यूअल फीस माफ एक्सेम्पट की जाए और उनका लाइसेंस बिना रिन्यूअल फीस लिए कम से कम 5 साल के लिए रिन्यू किया जाए

माननीय मुख्यमंत्री महोदय टूरिस्ट गाइड्स प्रतिनिधिमंडल मंडल आपसे मुलाकात का समय चाहने हेतु । उपरोक्त विषय अनुसार आपसे सादर निवेदन है कि टूरिस्ट गाइड्स प्रतिनिधिमंडल मंडल आपसे मुख्यमंत्री निवास पर मुलाकात करना चाहते हैं । इस बाबत कृपा करके कुछ क्षण हमें प्रदान करें जिससे कि हम आपका आशीर्वाद क्षेत्र में हमारे द्वारा की जा रही सेवाओं की गतिविधियों के लिए प्राप्त कर सकें । हमें पूर्ण विश्वास है कि आप अपने बिजी शेड्यूल में से प्रतिनिधिमंडल मंडल से मिलने का समय देकर अनुग्रहित करेंगे। उपरोक्त संदर्भ में समय पर ही अपॉइंटमेंट दिलवा कर हमें सूचित करवाने की कृपा करें हम आपके बड़े आभारी रहेंगे ।

रवि शंकर धाभाई ने अपने पत्र में मांग की है कि मानवीय स्तर पर इन टूरिस्ट गाइड की विभिन्न समस्याओं के समाधान के लिए एक उच्चस्तरीय कमेटी कुछ गाइड्स के प्रतिनिधियों को शामिल करते हुए विस्तार से विचार विमर्श कर इनकी समस्याओं के निवारण के लिए गठित कि जाए जिससे इन युवाओं को धरना प्रदर्शन करने एवम पूरे राजस्थान में आपके नाम के ज्ञापित नही देने की जरूरत नही पड़े। समय रहते ही सभी राज्यों में टूरिस्ट गाइड्स के कल्याण, सामाजिक सुरक्षा, एवम विकास के संबंध में राज्य सरकार एवम केंद्र सरकार द्वारा योजनाओं के माध्यम से उनकी समस्त समस्याओं पर ध्यान देने की तुरंत आवश्यकता है।मुख्यमंत्री से पत्र द्वारा अनुरोथ किया है कि संबंधित अधिकारियों को निर्देश आदेश की प्रतिलिपि मुझे मार्क करने की कृपया करें ।

 

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