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नई दिल्ली,एलआईसी आईपीओ के लिए निवेशकों का इंतजार खत्म होने जा रहा है। बुधवार तक एलआईसी के आईपीओ की औपचारिक घोषणा कर दी जाएगी। सरकार वैश्विक बाजार की स्थिति को देखते हुए एलआईसी में अपनी 3.5 फीसद हिस्सेदारी ही विनिवेश करेगी। इस हिसाब से एलआईसी के आईपीओ का आकार 21,000 करोड़ रुपए का होगा क्योंकि एलआईसी का मूल्यांकन छह लाख करोड़ रुपए किया गया है।

उच्चपदस्थ सूत्रों के मुताबिक, एलआईसी का विनिवेश 3.5-5 फीसद के बीच हो सकता है। आगामी बुधवार तक पूरी स्थिति साफ हो जाएगी। रिटेल के लिए आरक्षण, डिस्काउंट, प्राइस बैंड जैसी तमाम चीजों की घोषणा आगामी बुधवार को हो सकती है। सूत्रों के मुताबिक, अगर एलआईसी का आईपीओ 21,000 करोड़ का भी रहता है तो यह अब तक का सबसे बड़ा आईपीओ होगा।

सरकार इस साल मार्च में एलआईसी का आईपीओ लाना चाहती थी। लेकिन, रूस-यूक्रेन युद्ध को देखते हुए आईपीओ को टाल दिया गया था। पहले एलआईसी के आईपीओ का आकार 60,000 करोड़ रुपए रखा जा रहा था, लेकिन वैश्विक बाजार की स्थिति को देखते हुए इसे कम कर दिया गया है।

सूत्रों के मुताबिक, एलआईसी आईपीओ की बिक्री में सरकार को रिटेल खरीदारों से काफी उम्मीद है। हो सकता है रिटेल खरीदारों को आईपीओ की खरीदारी में विशेष आरक्षण दिया जाए। सूत्रों के मुताबिक, अगर अभी एलआईसी के 3.5 फीसद का विनिवेश किया जाता है तो एक साल बाद फिर से और विनिवेश किया जाएगा।

चालू वित्त वर्ष 2022-23 में सरकार ने विनिवेश से 65,000 करोड़ की प्राप्ति का लक्ष्य रखा है और एलआईसी आईपीओ से इस लक्ष्य को हासिल करने में काफी मदद मिलेगी।

गौरतलब है कि सरकार के पास एलआईसी आईपीओ लाने के लिए 12 मई तक का समय है, अगर 12 मई तक आईपीओ नहीं लाया जाता है तो सरकार को सेबी में फ्रेश ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रोस्पेक्टस (डीआरएचपी) दाखिल करना होगा। दरअसल, पहले दाखिल किए गए डीआरएचपी के हिसाब से 12 मई तक एलआईसी का आईपीओ लाया जा सकता है।

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