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बीकानेर,मानव धर्म प्रचार सेवा संस्थान एवं राधेश्याम सुन्दरदेवी तंवर “परिवार द्वारा आज से श्रीमद् भागवत सप्ताह कथा का वाचन बालसंत श्रीछैल बिहारी महाराज के मुखारविंद से “धावङियो के मोहल्ला तंवर भवन” मे शुभारंभ हुआ।संस्थान के हरिकिशन नागल ने बताया। कि आज से “कथा स्थल तंवर भवन धावङियो के मोहल्ले में” बालसंत श्रीछैल बिहारी जी महाराज के मुखारविंद से श्रीमद् भागवत कथा वाचन का शुभारंभ हुआ। कथा शुभारंभ के अवसर पर प्रथम दिवस श्रीमद्भागवत पुराण का पूजन पंडित विकल्प गोस्वामी व नितेश महाराज द्वारा विधान पुर्वक “कथा यजमान राधेश्याम तंवर, भवानीशंकर भावना तंवर ने जोङे सहित सपत्नीक करवाया ।”भागवत कथा के प्रथम दिवस की कथा का वाचन करते हुए बालसंत श्रीछैल बिहारी महाराज के द्वार भागवत कथा के महातम्य का वर्णन किया गया। बालसंत ने कहा कि भागवत मे 12 स्कंन्ध 335 अध्याय ओर 18000 श्लोकों का दिव्य ग्रंथ हे श्रीमद्भागवत। समस्त वेद पुराणों उपनिशदों का तिलक हे श्रीमद्भागवत। तत्पश्चात बालसंत ने बताया कि भक्ति ज्ञान वैराग्य की साधना सिखलाने वाला अनुपम शास्त्र हे। अनेक जन्मो का पुण्योदय होने पर सांसारिक जीव के जीवन मे आती हे भागवत कथा।जिसके श्रवण मात्र से प्रत्येक जीव का कल्याण संभव हो सकता है। बालसंत ने कहा युगों युगों से भगवान के पराक्रम एवं अवतारो के माध्यम से सामाजिक संस्कारों का संदेश देने वाला अनुपम शास्त्र है श्रीमद् भागवत सप्ताह पारायण कथा।। तत्पश्चात बताया कि प्रत्येक संसारी जीव अगर भागवत में दिए गए सिद्धांतों को जीवन में अंगीकार करें,,तो हर एक प्राणी आध्यात्मिक एवं संसारी जीवन को संस्कारित ओर सुखमय बना सकता हैं। जय श्रीकृष्ण

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